रियाद। रूस-यूक्रेन के बीच जारी युद्ध (Russo-Ukraine war continues) की लपटों से अमेरिका भी झुलस रहा है। अमेरिका (US) तेल की कमी से जूझ रहा और वहां पेट्रो पदार्थ (petrochemicals) की कीमत आसमान छू रही है। इससे अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन (US President Joe Biden) की नींद उड़ गई है। उन्होंने पेट्रोल निर्यातक देशों के संगठन ओपेक में प्रभावशाली सऊदी अरब (UAE) के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान और संयुक्त अरब अमीरात के शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान को फोन किया, मगर दोनों ने फोन नहीं उठाया।
सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान और संयुक्त अरब अमीरात के शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने शर्त रखी है कि अमेरिका यमन की जंग में उनका साथ देगा तो वह बात करेंगे। पिछले 14 वर्ष में तेल की कीमतें 130 डॉलर तक पहुंच गई हैं।
सऊदी अरब और यूएई ही बड़े पैमाने पर तेल की अतिरिक्त आपूर्ति कर अमेरिका को इस संकट से उबार सकते हैं। इस संकट पर बाइडन ने मंगलवार को कहा कि वह तेल की कीमतों को कम करने के लिए कुछ नहीं कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि यह व्लादिमीर पुतिन की गलती है। बाइडन ने चेतावनी दी है कि अमेरिका में तेल की कीमतें अभी और बढ़ सकती हैं। एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि बाइडन ने सऊदी अरब के शक्तिशाली क्राउन प्रिंस से बात करनी चाही मगर उन्होंने जवाब नहीं दिया। हालांकि बाइडन ने क्राउन प्रिंस के 86 वर्षीय पिता से बात की।
उधर, यूएई के शेख मोहम्मद ने भी बाइडन के फोन अनुरोध को ठुकरा दिया। यूएई ने कहा है कि यह बातचीत अब बाद में होगी। अमेरिका चाहता है कि वह रूस की बजाय सऊदी अरब से तेल की खरीद करे लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा है। बाइडन ने इस संकट से उबरने के लिए अपने दूत को वेनेजुएला भेजा है। उल्लेखनीय है कि वेनेजुएला के पास दुनिया का सबसे बड़ा तेल भंडार है। एजेंसी
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