जबलपुर। पुलिस प्रशासन लगातार इस बात का दावा करती आ रही है शहर में सट्टे का कारोबार लगभग समाप्त हो चुका है। बीच में पुलिस द्वारा शहर के सटोरियों पर जमकर कार्यवाही भी की गई थी। हाल ही में 1 फड़बाज की अवैध संपत्ति पर कार्यवाही भी जमकर चर्चाओं का विषय बनी रही परंतु इतनी बड़ी कार्यवाही हो जाने के बावजूद भी कुछ सटोरी अभी भी नहीं मान रहे । शायद थानों का संरक्षण इनमें हिम्मत भर देता है जिसके चलते यह इस प्रकार के कारोबार में फल फूल रहे हैं हम बात कर रहे हैं लार्डगंज थाना क्षेत्र स्थित नारियल मंडी की जहां पर जमकर सटोरी द्वारा सट्टे का कारोबार किया जा रहा है, स्थानी सूत्रों के अनुसार 1 दिन में सटोरी द्वारा कम से कम 2 से 5लाख का कारोबार किया जा रहा है।
सटोरिए का है पुराना इतिहास
पुलिसिया सूत्रों के अनुसार मट्टू केसरवानी क्षेत्र का पुराना सटोरी रह चुका है साथ ही गांजे का भी कारोबार करता है। बाकायदा पुलिस द्वारा इस पर कई बार कार्यवाही की जा चुकी है परंतु इस समय थाने के संरक्षण के चलते मट्टू दिलेरी से सट्टा खिला रहा है।
क्या है मान्यता प्राप्त सट्टे से मतलब
कुछ दिन पूर्व जब पुलिस अधीक्षक द्वारा सटोरियों और फढ़बाजो पर कार्यवाही की गई थी तो शहर में अवैध रूप से कार्य करने वालों पर हड़कंप मच गया था। कई सटोरियों ने तो अपनी दुकान ही बंद कर ली और शहर छोड़ दिया कुछ का कहना था कि एसपी साहब चले जाएं उसके बाद ही सट्टा खिलाएंगे। परंतु मट्टू केसरवानी ने इन शब्दों से परे होकर अपना काम बड़ी ही तेजी से शुरू करके फिर से बड़े स्तर पर फैला लिया है। इतनी कड़ी कार्यवाही के उपरांत एक सटोरी ने कैसे इतनी जल्दी अपने काम को बढ़ा लिया है, यह समझ से परे हैं बिना थाने के संरक्षण के चलते ऐसा होना असंभव है कहते हैं। थाने के कुछ सिपाहियों द्वारा मट्टू के काम को बढ़ाने में मदद की गई है। राजनैतिक सूत्र बताते हैं कि सटोरिये को राजनैतिक संरक्षण भी प्राप्त है।
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