भोपाल। सीएम हेल्पलाइन पर आम लोगों की शिकायतों का समाधान किए बिना बंद करने के मामले में मुख्यमत्री शिवराज सिंह चौहान ने कड़ा रुख अपनाया है। मुख्यमंत्री ने रीवा निवासी अजय मिश्रा की शिकायत को बिना समाधान के ही फोर्स क्लोज करने के मामले में पीएचई के प्रमुख अभियंता केके सोनगरिया को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं। अपर मुख्य सचिव पीएचई को इस मामले में कार्रवाई के लिए कहा है। हालांकि सोनगरिया ने कहा कि मुख्यमंत्री ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश नहीं दिए हैं, बल्कि पुनर्रावृत्ति नहीं होने के लिए कहा है। समाधान ऑनलाइन मामले में मुख्यमंत्री ने हरदा जिले के अर्जुन सूरमा के प्रकरण में प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मलय श्रीवास्तव से नल- जल योजना के कार्य में विलम्ब होने की जानकारी ली। प्रकरण में तत्कालीन सब इंजीनियर ज्योति महोबिया और कार्यपालन यंत्री एसके पवार को निलंबित कर दिया है। साथ ही ठेकेदार को ब्लेक लिस्टेड कर दिइया है। हरदा में बिना पानी के स्रोत के ही नल जल योजना को मंजूर कर दिया था। इस मामले में मुख्यमंत्री ने पीएचई को दो टूक कहा है कि बिना स्रोत के किसी भ्ीा योजना को मंजूर नहीं किया जाए।
लेतलाली से मुख्यमंत्री बेहद नाराज
दरअसल लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय विभाग खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पास है। पीएचई में सीएम हेल्पलाइन पर आने वाले शिकायतों को जबरन बंद करने से मुख्यमंत्री बेहद खफा हैं। साथ ही मुख्यमंत्री तक पिछले कुछ दिनो ंके भीतर विभाग के आला अफसरों की अन्य शिकायतें भी पहुंची हैं। यही वजह है कि मुख्यमंत्री ने समाधान ऑनलाइन में शिकायतों के निकरारण में की जा रही लेतलाली के चलते प्रमुख अभियंता को ही कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दे डाले।
सोनगरिया ने कहा सीएम ने नोटिस की नहीं बोला
हालांकि मुख्यमंत्री द्वारा समाधान ऑनलाइन में कारण बताओ नोटिस जारी करने का निर्देश देने से पीएचई के प्रमुख अभियंता केके सोनगरिया ने इंकार किया है। सोनगरिया ने कहा कि सीएम ने नोटिस की नहीं बोला, बल्कि यह कहा कि इसकी पुनरावृत्ति न की जाए। हालांकि सरकारी जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री ने पीएचई के प्रमुख अभियंता को ही कारण बताओ नोटिस देने के निर्देश दिए हैं। समाधान ऑनलाइन से जुड़े सूत्रों ने बताया कि मुख्यमत्री बैठक में पीएचई की कार्यप्रणाली से बेहद खफा थे।
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