लंदन। यूक्रेन पर हमले (Ukraine-Russia War) के बाद पश्चिम देशों समेत दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं ने रूस के खिलाफ कड़े प्रतिबंध लगा दिए हैं. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (el presidente ruso vladimir putin) ने कहा कि, उनके देश पर लगाए गए प्रतिबंध युद्ध के ऐलान की तरह है. अमेरिका(US) समेत कई देशों ने पुतिन और उनके सहयोगियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है. अमेरिका समेत पश्चिमी देशों ने रूस की अर्थव्यवस्था (Russia’s economy) को तगड़ी चोट पहुंचाने के लिए सिलसिलेवार और भिन्न-भिन्न तरीकों से निम्न प्रतिबंधों की घोषणा की है.
पुतिन और सहयोगियों की संपत्ति सील
अमेरिका, यूरोपीयन यूनियन, ब्रिटेन और कनाडा ने राष्ट्रपति पुतिन और उनके विदेश मंत्री सेर्गई लावरोव की संपत्ति की सील कर दिया है. वॉशिंगटन ने दोनों नेताओं पर ट्रैवल बैन लगा दिया है. लेकिन यूरोपीयन यूनियन ने ऐसा नहीं किया है क्योंकि अगर हालात बेहतर होते हैं तो वार्ता की स्थिति बन सकती है. हालांकि यूरोपीयन यूनियन ने रूस के अन्य नेताओं और अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाए हैं. इनमें रूस के उप प्रधानमंत्री शामिल हैं. पुतिन विश्व के उन तीन नेताओं में शामिल हो चुके हैं जिन्हें यूरोपीयन यूनियन ने ब्लैक लिस्ट कर दिया है. इनमें सीरिया के बशर अल असद और बेलारूस के अलेक्जेंडर लुकाशेन्को शामिल हैं.
सेंट्रल बैंक और रूस के फाइनेंशियन सिस्टम पर चोट
अमेरिका, यूरोपीयन यूनियन, स्विटजरलैंड, जापान, कनाडा और अन्य देशों ने रूस के सेंट्रल बैंक, वित्त मंत्रालय और वेल्थ फंड से लेनदेन पर रोक लगा दी है. वहीं इन तीनों संस्थाओं की विदेशी संपत्तियों को भी सील कर दिया है.
रूस के 7 बैंक को SWIFT मैसेजिंग सिस्टम से बाहर कर दिया गया. जिसके कारण ये बैंक वैश्विक लेनदेन नहीं कर पाएंगे. वहीं वीजा, मास्टरकार्ड, अमेरिकन एक्सप्रेस, पेयपल और अन्य पेमेंट नेटवर्क को रूस में ब्लॉक कर दिया गया है.
विमान सेवाओं पर प्रतिबंध
यूरोपीय यूनियन, अमेरिका, कनाडा और ब्रिटेन ने रूस के लिए अपने एयरस्पेस को बंद कर दिया है. सभी रूसी विमानों को अपने क्षेत्र में उड़ान भरने या उतरने पर प्रतिबंध लगा दिया है. यूरोपीय संघ ने रूस को सभी विमानों, उनके पुर्जों और उपकरणों के निर्यात, बिक्री, आपूर्ति या ट्रांसफर पर प्रतिबंध लगा दिया है.
डिफेंस और टेक्नोलॉजी सेक्टर
अमेरिका और यूरोपीय संघ ने पहले से रूस के ऊर्जा और रक्षा क्षेत्रों पर प्रतिबंध लगा दिया है. इनमें रूस की विभिन्न गैस कंपनियां शामिल हैं. वाशिंगटन सेमिकंडक्टर, कंप्यूटर, दूरसंचार, सूचना सुरक्षा उपकरण, लेजर और सेंसर पर निर्यात को लेकर नियंत्रण रख रहा है, जिससे रूस को इन उत्पादों की सप्लाई नहीं हो सकेगी, जो कि सैन्य क्षमताओं को बनाए रखने के लिए जरूरी है.
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