नई दिल्ली। भारत ने यूक्रेन के उत्तरपूर्वी शहर सूमी से 700 से अधिक भारतीय छात्रों को निकालने के अपने प्रयास रविवार को जारी रखे, हालांकि इसमें बहुत कम सफलता मिली क्योंकि रूस द्वारा भीषण गोलाबारी और हवाई हमले जारी रहे।
यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने कहा कि मिशन की एक टीम पोल्टावा शहर में भारतीय छात्रों के सुमी में पोल्टावा के रास्ते पश्चिमी सीमाओं तक सुरक्षित मार्ग का समन्वय करने के लिए तैनात की गई है और भारतीय छात्रों को सूचना देने के तत्काल बाद रवाना होने के लिए तैयार रहने की सलाह दी गई है।
वहीं हंगरी में भारतीय दूतावास ने कहा कि भारत अपने निकासी मिशन के अंतिम चरण में है और उसने विद्यार्थियों को भारत लौटने के वास्ते बुडापेस्ट पहुंचने का सुझाव दिया। अधिकारियों के अनुसार भारत ने मिशन ऑपरेशन गंगा के तहत 76 उड़ानों में अपने 15,920 से अधिक नागरिकों को वापस लाया है, जो 26 फरवरी को यूक्रेन के खिलाफ रूस की सैन्य आक्रामकता के बाद शुरू किया गया था।
सूमी में फंसे भारतीयों पर उनके परिचित लोगों ने कहा कि रूसी और यूक्रेनी पक्षों की ओर से मानवीय गलियारा बनाने या उन्हें खाली करने के लिए युद्धविराम लगाने के लिए अभी तक कोई संकेत नहीं है। भारत के बार-बार आह्वान के बावजूद इस तरह की व्यवस्था कोई व्यवस्था नहीं है।
छात्रों को निकालने के प्रयास जारी
मिशन से जुड़े एक अधिकारी ने कहा कि भारत सूमी स्टेट यूनिवर्सिटी से छात्रों को जल्द से जल्द निकालने के लिए प्रयास तेज कर रहा है। भारत रूसी और यूक्रेनी दोनों अधिकारियों से आग्रह करता रहा है कि वे छात्रों के लिए रोमानिया, हंगरी या पोलैंड से बाहर निकलने के लिए रूसी सीमा या पश्चिमी यूक्रेन में जाने के लिए एक सुरक्षित मार्ग बनाएं। भारत छात्रों को निकालने के अपने प्रयास जारी रखे हुए है।
तेजी से चल रहा ऑपरेशन गंगा
अधिकारियों के अनुसार, पिछले 24 घंटों में 13 उड़ानों में करीब 2,500 भारतीयों को निकाला गया। उन्होंने कहा कि हंगरी, रोमानिया और पोलैंड से फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए अगले 24 घंटों में सात उड़ानें निर्धारित हैं। बुडापेस्ट से पांच उड़ानें होंगी, पोलैंड में रेजजो और रोमानिया में सुचेवा से एक-एक उड़ान संचालित की जाएगी।
लगभग बीस हजार भारतीय पहले ही भारत पहुंच चुके हैं
अधिकारियों ने कहा कि संघर्ष शुरू होने से कुछ सप्ताह पहले परामर्श जारी होने के बाद से अब तक 21,000 से अधिक भारतीय यूक्रेन से निकले हैं। इनमें से 19,920 भारतीय पहले ही भारत पहुंच चुके हैं।
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