अभी तक जो नाम भेजे उन्हें भोपाल से वापस बुलाकर समिति की मीटिंग में रखेंगे
इंदौर। संजीव मालवीय सरकार में होने वाली राजनीतिक नियुक्तियां अब बिना प्रबंध समिति की सहमति के बिना नहीं हो सकेगी। इस संबंध में भाजपा संगठन ने निर्देश दिए हैं कि जिस जिले से नाम भेजे जाएंगे वे पहले प्रबंध समिति की बैठक में रखे जाएंगे और सबकी सहमति बनने के बाद ही उनकी अनुशंसा की जाएगी।
सरकार में निगम, मंडल, शासकीय विभागों में डायरेक्टर, सदस्य, विभिन्न विभागों की समितियों में वरिष्ठ नेताओं की राजनीतिक कोटे से नियुक्तियां की जाती हैं। कई नेता तो अपने संबंधों का उपयोग कर बाले-बाले दिल्ली-भोपाल के नेताओं से संबंधों के आधार पर नियुक्ति पत्र ले आते हैं। इसके पहले संभागीय संगठन मंत्री अनुशंसा करते थे, लेकिन अब कोर कमेटी के स्थान पर बनाई गई प्रबंध समिति के सदस्य इनकी सिफारिश करेंगे। संगठन ने सभी जिलाध्यक्षों को निर्देश दिए हैं कि अब किसी भी अनुशंसा के पहले प्रबंध समिति की बैठक में नाम पर सहमति आवश्यक होगी। बुधवार को भाजपा कार्यालय में प्रभारी मंत्री नरोत्तम मिश्रा की मौजूदगी में हुई बैठक में प्रदेश महामंत्री एवं संभागीय प्रभारी भगवानदास सबनानी ने नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे से कहा कि जो नाम समितियों के लिए भेजे गए हैं, उनकी सूची भोपाल से मंगवाई जाए और उन पर प्रबंध समिति में विचार किया जाए। इसके बाद सूची भोपाल भेजी जाए।
ये है प्रबंध समिति
जिले के प्रभारी मंत्री नरोत्तम मिश्रा, संगठन प्रभारी भगवानदास सबानी, जिला प्रभारी तेजबहादुरसिंह चौहान, नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे, सांसद शंकर लालवानी, भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, सूरज कैरो, विधायक रमेश मेंदोला, मालिनी गौड़, वरिष्ठ भाजपा नेता गोपीकृष्ण नेमा।
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