इंदौर। कोरोना संक्रमण (corona infection) की रफ्तार अब घटकर न्यूनतम ही रह गई है। कल रात जारी मेडिकल बुलेटिन में भी 3714 सैम्पलों की जांच में मात्र 17 नए मरीज मिले, जबकि उपचाररत मरीजों की संख्या भी घटकर अब 167 रह गई है। मरीजों की संख्या घटने के साथ सैम्पलों की संख्या में भी आधी से कम घट गई, वहीं 32 रैपिड रिस्पॉन्स टीमों को फिर बहाल कर दिया है, ताकि रोजाना 6-7 हजार सैम्पलों का लक्ष्य जारी रह सके। फीवर क्लीनिक (fever clinic) में भी जाकर कोरोना की जांच करवाई जा सकेगी।
अभी जनवरी में कोरोना की तीसरी लहर का संक्रमण जब तेजी से पूरे जिले में फैला और इंदौर के विजय नगर (Indore’s Vijay Nagar), सुखलिया, राजेन्द्र नगर सहित तमाम क्षेत्र ऐसे थे जहां रोजाना ढेरों मरीज रोज मिल रहे थे, मगर चूंकि तीसरी लहर ज्यादा घातक नहीं थी और 99 फीसदी से अधिक घरों पर ही ठीक हो गए, इसलिए प्रशासन भी चिंतित नहीं रहा और अब तो गिनती के ही मरीज मिल रहे हैं। कल हालांकि 1269 सैम्पलों की ही जांच हो सकी, जबकि 3714 सैम्पल हासिल किए गए थे। कोरोना सैम्पलिंग से जुड़े डॉ. अमित मालाकर (Dr. Amit Malakar) का कहना है कि सभी 32 रैपिड रिस्पॉन्स टीमें अभी भी सैम्पलिंग के कार्य में जुटी रहेंगी, ताकि रोजाना 6-7 हजार सैम्पलों के लक्ष्य को पूरा किया जा सके।
हालांकि अब लोग भी सैम्पल देने से कतराने लगे हैं। दरअसल स्वास्थ्य विभाग (health Department) ने अस्थायी रूप से इन टीमों का गठन किया था और थानावार जहां-जहां संक्रमण ज्यादा बढ़ता, वहां अधिक सैम्पल एकत्रित किए जाते और कॉन्ट्रैक्ट ट्रेसिंग भी की जा रही थी, जो कि फिलहाल अब बंद ही हो गई है। अभी तो टीमें बाजारों, प्रमुख धार्मिक स्थलों या अन्य क्षेत्रों में घूम-घूमकर ही सैम्पल एकत्रित कर रही है। वहीं निजी लैबों में भी अब सैम्पलों की संख्या घट गई है, क्योंकि बहुत कम लोग जांच करवा रहे हैं। वैसे भी सामान्य 3-4 दिन के सर्दी-जुखाम में लोग घर में ही ठीक हो रहे हैं। लिहाजा अब जांच करवाने से भी बच रहे हैं।
अभी तक इंदौर में 37 लाख से ज्यादा सैम्पलों की जांच दो साल के कोरोना काल में की जा चुकी है। कल अवश्य 1269 सैम्पलों की ही जांच हो सकी, जबकि 3714 सैम्पल लिए गए, जिसमें 3513 आरटीपीसीआर और 201 रैपिड एंटीजन टेस्ट किए गए। नए 17, तो उपचाररत 167 मरीज ही बचे हैं।
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