भोपाल। राजधानी में वर्ष 2022-23 की नई कलेक्टर गाइडलाइन में नव विकसित क्षेत्रों के साथ प्रमुख बाजार में प्रॉपर्टी के रेट बढऩा लगभग तय हो गया है। पंजीयन अफसरों की तरफ से तैयार किए गए प्रस्ताव में शहर के प्रमुख बाजारों में आवासीय व्यावसायिक का अंतर खत्म करने से ये स्थिति बनी है। एक अप्रेल से बाजारों में आवासीय भवनों की रजिस्ट्री कराना महंगा हो सकता है। बाजारों की लोकेशन के आधार पर रजिस्ट्री में 1 लाख से 2.50 लाख रुपए या इससे ज्यादा बढ़ सकते हैं। पंजीयन अफसरों ने 400 नई लोकेशन जोडऩे के बाद उन स्थानों पर वर्तमान कलेक्टर गाइडलाइन से अधिक दरों पर हुईं रजिस्ट्रियों को सर्च करने के बाद प्रस्ताव को अंतिम रूप दिया है। शहर के प्रमुख बाजारों में रेट बढ़ाने के लिए हाल ही में 10 नंबर, 6 नंबर, बिट्टन मार्केट, न्यू मार्केट में हुई अधिक दरों की रजिस्ट्री दोबारा सर्च की गईं। जिला मूल्यांकन की बैठक में इस प्रस्ताव को रखा जाएगा। परवलिया सड़क, तारा सेवनिया, चौपड़ाकला, सूखी सेवनिया, बिलखिरिया, रातीबड़, खजूरी सड़क, फंदाकला, सिकंदराबाद, मुबारकपुर, ईटखेड़ी सड़क सहित अन्य जगहों की कॉलोनियों में भी रेट बढ़ाना प्रस्तावित किए हैं। वर्तमान में जिले में 4113 लोकेशन हैं। जहां कलेक्टर गाइडलाइन में रेट तय किए गए थे, लेकिन वर्ष 2022-23 के प्रस्ताव में पॉलीगोन ड्रॉ तैयार करने से लोकेशन की संख्या कम हो सकती है। पंजीयन अफसरों ने चार कॉलोनी की लोकशन को एक पॉलीगोन माना है।
यहां आवासीय प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री कमर्शियल रेट पर
वहीं कई लोकेशनों पर आवासीय प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री कमर्शियल रेट में प्रस्तावित की गई है। इनमें बैरागढ़ मुख्य मार्ग, न्यू मार्केट, लखेरापुरा सड़क पर, मालवीय नगर, चौक बाजार, भोपाल टॉकीज चौराहा, सेफिया कॉलेज रोड, मेडिकल स्ट्रीट, आजाद मार्केट मंडी, बुधवारा रोड क्षेत्र, गल्ला बाजार, लोहा बाजार, मारवाड़ी रोड, सिंधी मार्केट, पीरगेट और इब्राहिमपुरा शामिल है।
पड़ताल के बाद ही रेट बढ़ाना प्रस्तावित
जिला पंजीयक और प्रभारी अधिकारी सम्पदा, स्वपनेश शर्मा बताते हैं कि अधिक दरों पर हुईं रजिस्ट्री की गहन पड़ताल के बाद ही रेट बढ़ाना प्रस्तावित किया जा रहा है। शहर के कई प्रमुख बाजारों में अब आवासीय प्रॉपर्टी बची ही नहीं है।
नगर निगम सीमा में ही 5 लाख प्रॉपर्टी
जिले में 6.50 लाख प्रॉपर्टी हैं, इसमें से पांच लाख के लगभग नगर निगम सीमा में हैं। इसमें ये 4.50 लाख प्रॉपर्टी की आइडी बन चुकी है। देश की पहली हाइटेक कलेक्टर गाइडलाइन में हर एक प्रॉपर्टी की आइडी आवश्यक की गई है। प्रॉपर्टी आइडी बनने में हो रही देरी से ही हाइटेक ऐप आधारित कलेक्टर गाइडलाइन बनने में थोड़ी देरी हो रही है। हालांकि पंजीयन अफसर इस बार एक अप्रेल को नए वित्तिय वर्ष से ही नई कलेक्टर गाइडलाइन को ऐप पर लाने का प्रयास कर रहे हैं। पंजीयन विभाग के अफसरों ने बताया कि प्रॉपर्टी की आइडी से ही उस प्रॉपर्टी की वैल्यू तय होगी।
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