मुंबई । विशेष पीएमएलए अदालत (Special PMLA Court) ने महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) में मंत्री (Minister) और राकांपा नेता नवाब मलिक (NCP leader Nawab Malik) की प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत (ED Custody) 7 मार्च (March 7) तक बढ़ा दी है (Extended) । यह मामला दाऊद इब्राहिम मनी लॉन्ड्रिंग (Dawood Ibrahim Money Laundering Case) से जुड़ा हुआ (Linked) है।
वहीं बीजेपी ने नवाब मलिक के इस्तीफे की मांग को लेकर महाराष्ट्र विधानसभा के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। देवेंद्र फडणवीस ने कहा, “सरकार नवाब मलिक का इस्तीफा क्यों नहीं लेना चाहती? ये दाऊद समर्पित सरकार है। नवाब मलिक का इस्तीफा तुरंत लिया जाना चाहिए।”
बॉम्बे हाई कोर्ट में इस मामले को लेकर सुनवाई हुई. इस सुनवाई के दौरान ईडी ने नवाब मलिक की याचिका पर जवाब देने के लिए कोर्ट से वक्त मांगा। कोर्ट ने ईडी को 7 मार्च तक का समय दिया है। अब हाई कोर्ट में सात मार्च को सुनवाई होगी। मलिक ने सोमवार को बॉम्बे हाइ कोर्ट में याचिका दायर करते हुए यह दावा किया था कि उन पर ईडी की कार्रवाई राजनीतिक कारणों से हुई है। नवाब मलिक पर आरोप है कि उन्होंने मुंबई के कुर्ला स्थित मुनिरा प्लंबर की 300 करोड़ रुपए की जमीन 30 लाख रुपए में खरीदी थी और उसमें भी पेमेंट 20 लाख रुपए का किया गया था।
इस जमीन के मालिक को एक रुपया नहीं दिया गया, बल्कि उनसे यह जमीन पॉवर ऑफ एटॉर्नी के जरिए अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से संबंधित और मुंबई बम ब्लास्ट के आरोपी व्यक्तियों के नाम करवाई गई. इसके बाद नवाब मलिक के बेटे फराज मलिक के नाम यह जमीन ले ली गई। इसके बदले में दाऊद इब्राहिम की बहन हसीना पारकर के खाते में पचास लाख रुपए ट्रांसफर किए गए। इससे पहले जांच एजेंसी की टीम एनसीपी नेता और राज्य सरकार में मंत्री नवाब मलिक से पूछताछ की थी और इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
पिछले चार महीनों में केंद्रीय एजेंसी द्वारा गिरफ्तार किए जाने वाले मलिक दूसरे वरिष्ठ एनसीपी नेता हैं। इससे पहले राज्य के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को पिछले साल नवंबर में मनी लॉन्ड्रिंग के अन्य कथित मामले में हिरासत में लिया गया था और फिर उन्हें जेल भेज दिया गया था।
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