नई दिल्ली: रूस और यूक्रेन के बीच लगातार आठवें दिन युद्ध (Russia-Ukraine War) जारी है और रूस के सैन्य अभियान से बुरी तरह प्रभावित पूर्वी यूरोपीय देश यूक्रेन में फंसे भारतीयों को सुरक्षित निकालने के लिए अभियान चलाया जा रहा है. अब यूक्रेन में फंसे छात्रों का मामला सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) पहुंच गया है और इस मामले में चीफ जस्टिस एनवी रमणा ने अटॉर्नी जनरल को कोर्ट में तलब किया है. इसके साथ ही सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने याचिकाकर्ता से सवाल किया कि आखिर इस मामले में कोर्ट क्या कर सकता है?
वकील ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की याचिका
यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को निकालने के लिए एक वकील ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का दरवाजा खटखटाया और भारत सरकार को निर्देश देने की अपील की. इस पर चीफ जस्टिस एनवी रमना (NV Ramana) की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि भारत सरकार भारतीयों को निकालने के लिए अपना काम कर रही है.
क्या पुतिन को युद्ध रोकने के लिए कह सकते हैं: CJI
चीफ जस्टिस एनवी रमना (NV Ramana) ने कहा कि हमें छात्रों के साथ सहानुभूति है और हमें बहुत बुरा लग रहा है, लेकिन क्या हम रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) को युद्ध रोकने का निर्देश दे सकते हैं? अब इस मामले में कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल (KK Venugopal) को तलब किया है और मदद मांगी है.
भारतीयों की सुरक्षित निकासी पर पीएम मोदी ने पुतिन से की बात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (PM Narendra Modi speaks to Vladimir Putin) से एक बार फिर बात की थी और यूक्रेन से भारतीयों की सुरक्षित निकासी पर चर्चा की थी. प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री मोदी ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन से फोन पर बात की. पीएमओ ने कहा, ‘दोनों नेताओं ने यूक्रेन की स्थिति की समीक्षा की, खासकर खारकीव की जहां बड़ी संख्या में भारतीय छात्र फंसे हुए हैं. उन्होंने युद्धग्रस्त क्षेत्र से भारतीय नागरिकों की सुरक्षित निकासी पर चर्चा की.’
अब तक यूक्रेन से निकाले गए हैं 6000 भारतीय
बता दें कि करीब 20,000 भारतीयों में से अब तक 6,000 को स्वदेश लाया जा चुका है. यूक्रेन में हालात बिगड़ते देख वहां स्थित भारतीय दूतावास ने छात्रों सहित अपने सभी नागरिकों से तुरंत खारकीव छोड़ने की अपील की है. रक्षा एवं सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए भारतीय नागरिकों से तत्काल पेसोचिन, बाबाये और बेजलीयुदोव्का पहुंचने को कहा गया है. भारतीय विदेश मंत्रालय ने आश्वासन दिया है कि तमाम विपरीत परिस्थितियों के बावजूद भारत सरकार यूक्रेन में फंसे अपने हर नागरिक को सुरक्षित वापस लाएगी.
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