उज्जैन। महाशिवरात्रि (mahashivratri) के दूसरे दिन बुधवार को भी भगवान महाकालेश्वर (Lord Mahakaleshwar) के दर्शन के लिये आने वाले श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। देश के कोने-कोने से आये हजारों श्रद्धालुओं ने भगवान महाकालेश्वर (Lord Mahakaleshwar) के दर्शन का लाभ लिया। इस दौरान प्रशासन की ओर से की गई व्यवस्थाओं की श्रद्धालुओं (Lord Mahakaleshwar) ने आत्मीय प्रशंसा की। बहुत-से श्रद्धालुओं ने एक स्वर में कहा कि उज्जैन में इतने बड़े इवेंट का मैनेजमेंट बिना किसी परेशानी और रूकावट के करना वाकई अदभुत है। यहां मिले अच्छे अनुभव को वे अपने-अपने शहर में जाकर मिलने-जुलने वालों से साझा करेंगे। कई श्रद्धालु जो यहां पहली बार आये थे वे अब बार-बार उज्जैन आना पसन्द करेंगे।
गुजरात के पचमा जिले से आये श्रद्धालु आशीष पटेल पहली बार उज्जैन आये थे। उन्हें डर लग रहा था कि महाशिवरात्रि पर बहुत भीड़ होगी तथा दर्शन में मुश्किल होगी, लेकिन उन्हें इतनी आसानी से कम समय में दर्शन हो गये कि उन्होंने भगवान महाकाल के दो-दो बार दर्शन कर लिये। उन्होंने बताया कि प्रशासन की ओर से यहां सभी व्यवस्थाएं बहुत अच्छी की गई थी। नि:शुल्क पार्किंग, नि:शुल्क जूता स्टेण्ड, नि:शुल्क पेयजल, नि:शुल्क स्वल्पाहार, नि:शुल्क स्वास्थ्य परीक्षण केन्द्र, खोयापाया केन्द्र आदि की व्यवस्था बहुत अच्छी थी। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के द्वारा बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को काफी सहयोग प्रदान किया गया। आशीष अब बार-बार उज्जैन आयेंगे।
इसी प्रकार गुजरात के ही पंचमाल जिले के रहने वाले श्रद्धालु श्री पटेल ने कहा कि वे काफी वर्षों से महाशिवरात्रि पर भगवान महाकालेश्वर के दर्शन के लिये आ रहे हैं। इस बार की पार्किंग व्यवस्था बहुत अच्छी की गई थी। भगवान महाकालेश्वर के दर्शन का अनुभव उनके जीवन का सर्वश्रेष्ठ पल था।
गुजरात के कच्छ से आये विक्रमभाई राठौर चलने में असमर्थ थे। पैरों में नस के खिंचाव के कारण वे बहुत दूर तक चल नहीं सकते थे। इसीलिये वे अपने परिवार के दो और सदस्यों के साथ भगवान महाकालेश्वर के दर्शन करने के लिये आ तो गये, लेकिन कर्कराज पार्किंग में अपनी गाड़ी खड़ी करने के बाद वे असमंजस की स्थिति में थे। यहां से महाकालेश्वर मन्दिर कुछ दूरी पर था। उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा था कि रास्ता कैसे तय करेंगे। पहले तय यह हुआ था कि परिवार के दूसरे सदस्य ही दर्शन करके आ जायें और वे गाड़ी में ही उनकी प्रतीक्षा करें, लेकिन दूसरे लोगों की इच्छा थी कि वे सब साथ में भगवान के दर्शन करें। सभी लोग इसी पशोपेश में गाड़ी के अन्दर ही बैठे थे। तभी एक महिला पुलिसकर्मी जिसकी ड्यूटी पार्किंग स्थल पर लगाई गई थी, उनके पास आई और उन्होंने लोगों से उनकी परेशानी का कारण पूछा।
जब महिला पुलिसकर्मी को कारण पता चला तो उन्होंने तुरन्त प्रशासन की ओर से की गई नि:शुल्क ई-रिक्शा व्यवस्था के तहत ई-रिक्शा बुलवाई और विक्रमभाई राठौर की गाड़ी के पास ई-रिक्शा को खड़ा कर दिया। यह देखकर विक्रमभाई राठौर और उनके परिवार की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। वे अपनी गाड़ी से उतरे और आनन्दित होकर भगवान महाकाल के दर्शन के लिये गये। लौटते समय उनके चेहरे पर संतोष और प्रसन्नता के भाव थे। वे जय महाकाल का उद्घोष करते हुए अपने घर की ओर रवाना हुए।
सागर से आये युवा आदर्श मिश्रा ने कहा कि वे आज सुबह ही उज्जैन आये थे। महाशिवरात्रि पर्व के चलते उन्हें लग रहा था कि मन्दिर में काफी भीड़ होगी, जो कि स्वाभाविक भी था तथा उन्हें भगवान के दर्शन में पूरा दिन लग जायेगा, लेकिन मात्र आधे घंटे के अन्दर उन्हें भगवान महाकालेश्वर के दर्शन हो गये। इस कारण उनका काफी समय बच गया। बचे हुए समय का उपयोग वे उज्जैन के अन्य प्रमुख दर्शनीय स्थल जाकर करेंगे। प्रशासन की ओर से की गई व्यवस्थाओं की उन्होंने सराहना की। उन्होंने कहा कि वे देश के कई मन्दिरों में दर्शन के लिये जाते रहते हैं, लेकिन उज्जैन के महाकालेश्वर मन्दिर में सबसे अच्छी व्यवस्था लगी।
महाराष्ट्र के बुलढाना से आये सुनील नागुलकर ने बताया कि वे लोग आज ही सुबह भगवान महाकाल के दर्शन के लिये आये थे। यहां उन्हें किसी प्रकार की समस्या नहीं हुई। भगवान महाकालेश्वर के दर्शन के बाद वे लोग ओंकारेश्वर के लिये रवाना हुए। सुनील ने जिला प्रशासन की ओर से की गई व्यवस्थाओं पर संतोष व्यक्त किया। उन्हें यहां आकर काफी अच्छा लगा।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved