सीहोर। सीहोर में कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा (Pandit Pradeep Mishra) नवाब की होली की परंपरा को खत्म करना चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने शिव होली मनाने की बात कही है। वे इसके लिए आरएसएस, विश्व हिंदू परिषद (RSS, Vishwa Hindu Parishad) से सहयोग लेंगे। पंडित मिश्रा ने व्यासपीठ से शिव महापुराण को राजनीति का अखाड़ा नहीं बनाने की अपील भी की।
जानकारी के मुताबिक शिव महापुराण और रुद्राक्ष महोत्सव (Shiva Mahapuran and Rudraksh Festival) निरस्त होने के बाद प्रदेश के कई दिग्गज नेताओं ने मामले में दखल दिया है। भाजपा की ओर से कैलाश विजयवर्गीय (Kailash Vijayvargiya), उमा भारती (Uma Bharti), नरोत्तम मिश्रा (Narottam Mishra), नारायण त्रिपाठी (Narayan Tripathi) ने आयोजन निरस्त होने के पीछे प्रशासन को दोषी बताया है। प्रशासन पर दवाब बनाने का आरोप भी लगाया है। वहीं बुधवार को पूर्व मंत्री पीसी शर्मा (Former Minister PC Sharma), विधायक विशाल पटेल (MLA Vishal Patel) के नेतृत्व में प्रदेश कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल भी प्रदीप मिश्रा से मिला था। इसके बाद पंडित मिश्रा ने शिव महापुराण को राजनीति का अखाड़ा नहीं बनाने की बात कही।
आपको बता दे की तीन दिन पहले सीहोर में पंडित प्रदीप मिश्रा की जिस श्री शिव महापुराण कथा आयोजन से भोपाल से इंदौर (Bhopal to Indore) तक जाम के हालात बने थे और अव्यवस्था फैल गई थी, आज कथा में पंडित मिश्रा ने हिंदूओं के एकजुट होने पर सीहोर की जनता को सराहा। पंडित मिश्रा ने कहा कि वे शिव महापुराण हिंदुओं को एकजुट करने के लिए ही करते हैं। उन्होंने अंग्रेजों के समय को याद करते हुए आज की परिस्थितियों से तुलना की। अपने रुद्राक्ष उत्सव के निरस्त होने के बाद दूर-दूर से आए श्रद्धालुजनों के लिए सीहोर के हर जाति के हिंदुओं द्वारा अपने दरवाजे खोल दिए हैं। ब्राह्मण, क्षत्रिय, ताम्रकार, यादव, रजक, मालवीय, वाल्मीकी सभी ने अपने समाज की धर्मशालाओं (Society’s hospices) में जगह दी है।
मिश्रा ने भोपाल के नवाब के पांच दिन तक होली के लिए अलग-अलग जगह जाने से चली आ रही उस परंपरा को खत्म करने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि नवाब होली मनाते थे लेकिन अपने ऊपर रंग चढ़ने पर सजा भी देते थे तो उनकी नवाब होली की परंपरा को बदलने के लिए वे शिव होली खेलने निकलेंगे। सीहोर, इछावर, आष्टा, जावर में होली दूसरे, तीसरे, चौथे और पांचवें दिन तक मनाने की परंपरा है। पंडित मिश्रा ने हिंदुओं को आव्हान किया कि वे अपने-अपने यहां दो-दो, पांच-पांच हजार रुपए का गुलाल खरीदकर रखेंगे,बदलेंगे परंपरा। इसमें वे आरएसएस, विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल और दुर्गा वाहिनी का साथ लेंगे।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved