नई दिल्ली: यूक्रेन और रूस की जंग में टेक कंपनियां भी एक अहम भूमिका निभा रही हैं. पिछले हफ्ते बुधवार को जब रूस के टैंक यूक्रेन की सीमा में दाखिल हो रहे थे. उससे कुछ घंटे पहले Microsoft के Threat Intelligence Center ने एक ऐसे Malware की वॉर्निंग दी, जो पहले कभी नहीं देखा गया था.
Microsoft ने Wiper जैसे एक मॉलवेयर को डिटेक्ट किया, जिसका टारगेट यूक्रेन के विभिन्न मंत्रालय और वित्तिय संस्थाओं समेत पूरा डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर था. महज तीन घंटों के अंदर Microsoft 5500 मील दूर बैठकर इस जंग का हिस्सा बन गया. कंपनी ने अपने थ्रेट सेंटर को हाई अलर्ट पर रखा और सेंटर ने कुछ ही देर में इस मॉलवेयर को डिटेक्ट कर लिया और इसका नाम FoxBlade रखा.
माइक्रोसॉफ्ट ने इसकी जानकारी यूक्रेन के टॉप साइबर डिफेंस अथॉरिटी को दी. तीन घंटे के अंदर माइक्रोसॉफ्ट वायरस डिटेक्शन सिस्टम कोड को ब्लॉक करने के लिए अपडेट कर दिया गया था, जो किसी भी कम्प्यूटर नेटवर्क का डेटा इरेज या वाइप कर सकता था.
Microsoft ने दी White House को जानकारी
माइक्रोसॉफ्ट के सीनियर एक्जीक्यूटिव Tom Burt ने इसके बाद Anne Neuberger से संपर्क किया. Anne Neuberger व्हाइट हाउस में साइबर और इमर्जिंग टेक्नोलॉजी की डिप्टी नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर हैं. उन्होंने माइक्रोसॉफ्ट से पूछा कि क्या उन्हें Baltics, Poland और दूसरे यूरोपीय देशों से यह कोड शेयर करना चाहिए.
क्योंकि इस मॉलवेयर का इस्तेमाल यूक्रेन के अलावा दूसरे देशों पर भी किया जा सकता था. आधी रात से पहले ही Anne Neuberger ने अपना फैसला कर लिया था और Microsoft ने वह वह भूमिका निभाई, जो दूसरे विश्व युद्ध में Ford Motor ने निभाई थी. माइक्रोसॉफ्ट के प्रेसिडेंट Brad Smith ने बताया, ‘हम एक कंपनी हैं न कि कोई देश या फिर सरकार.’
यूक्रेन को कैसे तबाह करने वाला था FoxBlade?
Microsoft ने अपने ब्लॉग में बताया है कि 24 फरवरी को रूस के हमले से कुछ घंटे पहले Microsoft Threat Intelligence Center को यूक्रेन के डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर के खिलाफ एक विध्वंसक साइबर अटैक का पता चला. माइक्रोसॉफ्ट ने इसकी जानकारी तुरंत यूक्रेन की सरकार को दी. उन्होंने यूक्रेन को बताया कि किस तरह से Foxblade की पहचान की जाए और इससे बचने के लिए टेक्निकल सलाह भी दी. Foxblade यूक्रेन के डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को पूरी तरह से बर्बाद कर सकता था.
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