सीहोर। भोपाल के करीब सीहोर में रुद्राक्ष महोत्सव स्थगित (Rudraksh festival postponed) होने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। पुलिस-प्रशासन की किरकिरी होने के बाद मंगलवार को मामले में ‘सरकार’ की एंट्री हुई। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा (Home Minister Narottam Mishra) के बयान के बाद विपक्ष भी सामने आ गया। गृहमंत्री ने व्यवस्थाओं को लेकर कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा से बात की। वहीं, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव (BJP National General Secretary) कैलाश विजयवर्गीय (Kailash Vijayvargiya) ने इस मामले में ट्वीट कर प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है।
उनका कहना है कि यह सरकार की छवि खराब करने की साजिश है। विजयवर्गीय ने CM को लिखी चिट्ठी में कहा कि सीहोर प्रशासन की अकर्मण्यता से मेरे जैसे सनातनियों को बहुत आघात पहुंचा। आप 17 साल से मुख्यमंत्री हैं। आखिरी ऐसी क्या विपदा आ गई जो पं. मिश्रा पर दबाव बनवाकर कथा निरस्त कराना पड़ी।
कैलाश विजयवर्गीय ने कहा- भोपाल में इज्तिमा का आयोजन होता है। लाखों लोग शामिल होते हैं। कई मंत्रियों को जाम में फंसना पड़ता है। लेकिन कभी सुनाई नहीं दिया कि इज्तिमा को रोक दिया गया है। क्या सीहोर का प्रशासन इतना नकारा था कि इस आयोजन की जानकारी होने के बाद भी व्यवस्थाएं नहीं जुटाई जा सकी। क्या जिम्मेदार प्रशासन इतना अदूरदर्शी था कि वो भांप नहीं सका कि 11 लाख रुद्राक्ष का अनुष्ठान है तो श्रद्धालुओं की आवाजाही भी रहेगी। क्या सीहोर के प्रशासनिक अमले की इतनी हिम्मत है कि वो इतना बड़ा निर्णय कर लें। शिवराजजी ऐसे अनगिनत सवालों के जवाब नहीं मिल रहे हैं।
गृहमंत्री ने कहा- दंडवत प्रणाम कर रहा हूं महाराज, निवेदन कर रहा था प्रशासन की कोई दिक्कत तो नहीं है। कोई बात होगी तो बताइएगा, कोई भी आवश्यकता हो। आपके आशीर्वाद से ही सरकार है महाराज। जवाब में पंडितजी ने कहा कि आज सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त हैं, अब कोई दिक्कत नहीं है। पंडित मिश्रा ने गृहमंत्री से एक बार मंदिर आने को कहा। जवाब में गृहमंत्री ने कहा कि वे जरूर आएंगे।
कमलनाथ ने सरकार को घेरा
गृहमंत्री के बयान के बाद पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट कर सरकार को घेरा। उन्होंने लिखा- महाशिवरात्रि की पूर्व संध्या, शिवराज जी की सरकार, शिवराज जी का क्षेत्र और शिव ज्ञान की गंगा बहाने वाला ‘शिव महापुराण व रुद्राक्ष महोत्सव’ का 7 दिवसीय महाआयोजन दबाव डालकर पहले दिन ही स्थगित करा दिया गया, क्योंकि प्रशासन लाखों श्रद्धालुओं की व्यवस्था संभालने में असफल साबित…? एक कथावाचक को आंखों में आंसू भरकर व्यासपीठ से इस सच्चाई को श्रद्धालुओं को बताना पड़े तो इससे शर्मनाक प्रदेश के लिए कुछ और हो नहीं सकता है… जो खुद को धर्मप्रेमी बताते हैं यह है, उनकी सरकार की हकीकत…. बड़ी संख्या में श्रद्धालु नाराज, प्रदेश के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ।
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