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    हज सफर … आधा बजट खिदमत पर खर्च

  • March 01, 2022

    • खादिमों को भेजने में खर्च हो रही बड़ी रकम

    फराज शेख, भोपाल।
    हज 2022 की तैयारियों के बीच अब हाजियों की खिदमत के लिए भेजे जाने वाले खादिम उल हुज्जाज (हज वैलेंटियर) के चयन की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। इस साल हाजियों की तादाद के लिहाज से करीब 20 खादिम सऊदी अरब भेजे जाने की उम्मीद है। जिनपर हज कमेटी को करीब 80 लाख रुपए खर्च करने पड़ेंगे। जानकारी के अनुसार सेंट्रल हज कमेटी ने सभी प्रदेशों से खादिम उल हुज्जाज के लिए आवेदन बुलवाए हैं। इस कड़ी में तय तारीख तक प्रदेश से करीब 63 लोगों ने अपनी सेवाएं देने की पेशकश की है। इनमें 3 महिला आवेदक भी शामिल हैं। सूत्रों का कहना है कि इस साल हज पर जाने वालों की संख्या के मुताबिक प्रदेश से करीब 20 वालेंटियर सऊदी अरब भेजे जा सकते हैं।


    खर्च हज कमेटी कोटे से
    सूत्रों का कहना है कि प्रदेश हज कमेटी का सालाना बजट करीब एक करोड़ अस्सी लाख रुपए है। इस बजट से कमेटी को कर्मचारियों का वेतन, ऑफिस व्यवस्था और अन्य खर्च जुटाने होते हैं। हज सफ र के दौरान भेजे जाने वाले खादिमों का खर्च भी कमेटी को इसी बजट से पूरा करना है। गौरतलब है कि तत्कालीन अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री आरिफ अकील के कार्यकाल तक ये व्यवस्था रही है कि सरकार खादिम उल हुज्जाज पर होने वाले खर्च की राशि अलग से मुहैया कराती थी। पिछले कुछ बरसों से अब कमेटी को मिलने वाले बजट से ही खादिमों की व्यवस्था करने के लिए कह दिया गया है।

    ये होती है पात्रता
    खादिम उल हुज्जाज के अनिवार्य पात्रता उसका सरकारी कर्मचारी होना है। इसके अलावा एक बार हज या उमराह किया हुआ 65 वर्ष से कम आयु का ऐसा व्यक्ति, जिसे अरबी और अंग्रेजी भाषा का ज्ञान हो, को खादिम उल हुज्जाज बनाया जाता है।

    सरकारीकरण पर है ऐतराज
    हाजियों की खिदमत के लिए भेजे जाने वाले सरकारी कर्मचारियों की व्यवस्था पर सामाजिक संस्था एपीजे अब्दुल कलाम सेंटर के जावेद बेग ने आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि हज यात्रा को लेकर सरकार द्वारा कोई सब्सिडी या मदद नहीं दी जाती है। हाजी अपने खर्च से सफ र पूरा करता है। ऐसे में सरकारी कर्मचारी का खादिम उल हुज्जाज के लिए भेजा जाना अनुचित है। उन्होंने कहा कि ये व्यवस्था पूरी तरह वालेंटियर तौर पर होना चाहिए। जिसमें खिदमत के लिए जाने वाले व्यक्ति को अपने खर्च जाने की बाध्यता रखनी चाहिए। इससे हज सफ र का सरकारीकरण भी रुकेगा और कमेटी का होने वाला बड़ा खर्च भी बच जाएगा।

    क्या है खादिम उल हुज्जाज
    हज सफ र के दौरान प्रदेश के हाजियों को सऊदी अरब में मार्गदर्शन करने, बुजुर्ग हाजियों को सहयोग और बीमारी आदि के हालात में मदद करने के लिहाज से खादिम उल हुज्जाज भेजे जाते हैं। पूर्व में 300 हाजियों पर एक खादिम भेजा जाता था। सेंट्रल हज कमेटी के नए निदेर्शों के मुताबिक अब प्रति 150 हाजी एक खादिम भेजे जाने की व्यवस्था कर दी गई है। इस बार प्रदेश से करीब 3600 लोगों ने हज आवेदन किया है।

     

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