भोपाल। राजधानी भोपाल में परिसीमन कर 35 नई ग्राम पंचायतें बनाई गई हैं। अब कुल 222 पंचायतें हो गई हैं। कलेक्टर ने इनके विभाजन की अधिसूचना जारी कर दी है। 2 मार्च तक आपत्ति मांगी गई है। नई पंचायतें बनने के बाद जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी के दावेदारों के समीकरण भी गड़बड़ा गए हैं। कई दावेदारों का वोट बैंक दूसरे वार्ड में चला गया। वहीं, कांग्रेस ने नई पंचायतें बनाने की प्रोसेस पर आपत्ति जताई है। इसे लेकर वह हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी। परिसीमन से पहले भोपाल में 187 पंचायतें थीं, जो बढ़कर 222 हो गई हैं। कलेक्टर अविनाश लवानिया ने विभाजन की अधिसूचना जारी कर दी है। इसके बाद कई दावेदारों की सांसें ऊपर-नीचे हो गई हैं। वे कई पंचायतों को लेकर आपत्ति लगाने का प्लान बना रहे हैं। 2 मार्च तक कलेक्टर भोपाल को लिखित में आपत्ति देना है।
नई पंचायतों को लेकर हाईकोर्ट में जाएंगे
जिपं के प्रधान मनमोहन नागर ने बताया, वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार एक हजार आबादी पर ही एक पंचायत का गठन किया जा सकता है, लेकिन नई पंचायतों में से चार-पांच ऐसी हैं, जिनकी आबादी काफी कम है। फिर भी गठन कर दिया गया है। इनमें जिपं के निर्वाचन क्षेत्र (वार्ड)-2 में अरेड़ी ग्रापं भी शामिल हैं। जनगणना के हिसाब से अरेड़ी की जनसंख्या 525 है। प्रशासन को डूब इलाके में जो पंचायतें गई है, उन्हें बढ़ाना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं किया गया। वहीं, वार्डों की संख्या भी अनियमित है। जैसे वार्ड 2 में 30 हजार, जबकि वार्ड 8 में करीब 55 हजार आबादी है। नई पंचायतों को लेकर हाईकोर्ट में जाएंगे और आपत्ति लगाएंगे।
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