नई दिल्ली: वास्तु शास्त्र में किचन का स्थान अहम होता है. माना जाता है कि इस स्थान का संबंध धन की देवी मां लक्ष्मी से है. इसके अलावा अन्न की देवी मां अन्नपूर्णा का भी संबंध किचन से होता है. यही कारण कि किचन से जुड़े वास्तु नियमों का खास ख्याल रखा जाता है. ऐसे में जानते हैं कि किचन से जुड़े कुछ खास वास्तु टिप्स.
किचन के लिए आग्नेय कोण है उत्तम
वास्तु शास्त्र के मुताबिक किचन के लिए घर आग्नेय कोण का इस्तेमाल करना चाहिए. आग्नेय कोण दक्षिण और पूरब की दिशा को कहते हैं. इस दिशा में ऊर्जा यानि अग्नि का वास होता है. इसके अलावा इस दिशा का संबंध शुक्र देव से भी होता है. वास्तु शास्त्र के जानकार मानते हैं कि किचन का वास्तु दोष होने पर घर की महिलाओं पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है.
दक्षिण-पश्चिम दिशा नहीं होना चाहिए किचन
वास्तु शास्त्र के मुताबिक घर की दक्षिण-पश्चिम दिशा में किचन नहीं बनाना चाहिए. दरअसल इस दिशा में किचन होने से वास्तु दोष उत्पन्न होता है. इस वास्तु दोष की वजह से अनावश्यक खर्च बढ़ सकत हैं. साथ ही घर की आर्थिक स्थिति पर भी विपरीत असर होता है.
किचन से जुड़े वास्तु टिप्स
रसोई में गैस चुल्हा रखने के लिए स्लैब पूरब या उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए. साथ ही खाना पकाते वक्त गृहिणी का मुख पूरब या उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए.
वास्तु शास्त्र के मुताबिक बर्तन धोने के लिए सिंक के लिए सबसे उपयुक्त जगह ईशान कोण (पूर्व-उत्तर की दिशा) है. वहीं किचन में इंडक्शन, माईक्रोवेव इत्यादि हमेशा दक्षिण-पूर्व के कोने में होना चाहिए.
वास्तु के मुताबिक किचन में फ्रिज हमेशा उत्तर-पश्चिम दिशा में होना चाहिए. इसके अलावा खाद्य पदार्थ रखने के लिए पश्चिम या दक्षिण दिशा का इस्तेमाल करना चाहिए.
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