नई दिल्ली। पुतिन के परमाणु पागलपन (nuclear madness) की आशंका से घबराई दुनिया के 193 देशों की आपात बैठक आज बुलाई गई है। यूनाइटेड नेशन द्वारा 40 साल बाद बुलाई गई आपात महासभा में रूस और यूक्रेन (Russia and Ukraine) के बीच चल रही जंग और भविष्य की आशंकाओं को लेकर विचार किया जाएगा।
कल रूस और यूक्रेन दोनों के ही द्वारा युद्ध में रासायनिक हथियारों (chemical weapons) के इस्तेमाल और पुतिन द्वारा अपने परमाणु केन्द्रों को अलर्ट (Alert to nuclear stations) किए जाने के समाचार के बाद पूरी दुनिया में तहलका मच गया। इसी स्थिति पर विचार-विमर्श (discussion) करने के लिए इस आपात बैठक का आयोजन किया गया है। इसी बीच गुस्साए पुतिन ने 500 टन वजनी एयर स्पेस यूक्रेन पर गिराने की धमकी दी है।
भारत-चीन फिर तटस्थ रहे
संयुक्त राष्ट्र द्वारा बुलाई गई आपात बैठक में 15 में से 11 सदस्यों ने जहां समर्थन दिया, वहीं भारत और चीन सहित तीन देश फिर तटस्थ रहे। रूस ने फिर वीटो किया। हालांकि प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) से यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की (President of Ukraine Zelensky) मदद मांग चुके हैं, पर भारत ऐसा न कर सका।
अब नाटो भी घेरेगा
रूस के खिलाफ कड़ी कार्रवाई को लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन (US President Joe Biden) ने नाटो देशों की एक अहम बैठक बुलाई है, जिसमें विचार किया जाएगा कि यूक्रेन की किस तरह मदद की जाए।
27 यूरोपीय देशों ने बंद किया एयर स्पेस, बीच रास्ते से लौटी फ्लाइट
रूस द्वारा यूक्रेन पर किए गए हमले के बाद दुनियाभर के कई देशों द्वारा लगाए जा रहे प्रतिबंध के चलते 27 यूरोपीय देशों ने रूसी फ्लाइटों के लिए अचानक एयर स्पेस बंद कर दिया था ऐसे में मास्को से अमेरिका (Moscow to America) के लिए उड़ान भर चुकी एक फ्लाइट को बीच रास्ते ही वापस लौटना पड़ा। इसके अलावा स्विफ्ट सर्विसेस से रूस को निलंबित किए जाने के कारण रूस के सामने भुगतान की बड़ी समस्या पैदा हो गई है, वहीं प्रतिबंधों से रूसी व्यापार भी प्रभावित हुआ है।
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