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    इंदौरः दो साल बाद धूमधाम से निकलेगी ऐतिहासिक गेर, मुख्यमंत्री बोले-धूमधाम से मनाओ होली-रंगपंचमी

  • February 27, 2022

    इंदौर। इंदौर में रंगपंचमी (Rangpanchmi in Indore) के मौके पर निकलने वाली ऐतिहासिक गेर (historical ger) पर पिछले दो साल से कोरोना (Corona for two years) के चलते प्रतिबंध लगा हुआ था, लेकिन इस साल इस होली के साथ ही ऐतिहासिक त्यौहार रंगपंचमी भी धूमधाम से मनाया जाएगा। इस दौरान शहर में पारम्परिक गेर भी निकाली जाएगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने कहा कि कोरोना जा रहा है। होली-रंगपंचमी धूमधाम से मनाओ, गेर भी निकालो।

    मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को इंदौर के ग्राम बुढ़ी बरलाई में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत फसल बीमा पॉलिसी का वितरण कार्यक्रम में पहुंचे थे। यहां उन्होंने ऐलान किया कि आने वाले दिनों में महाशिवरात्रि का पर्व है। इसे खूब धूमधाम और उमंग के साथ मनाएं। होली और रंगपंचमी भी खूब खेलें, गेर निकालें और भरपूर आनंद लें।


    गेर को लेकर मुख्यमंत्री द्वारा स्थिति स्पष्ट करने के बाद गेर आयोजकों ने भी तैयारी शुरू कर दी है। दो साल से कोरोना के कारण शहर की इस सांस्कृतिक परम्परा पर विराम लग गया था, लेकिन इस बार खुशियों की गेर का सिलसिला फिर शुरू होगा, हालांकि जिस रुट से गेर निकलती है, उसके बड़े हिस्से पर निर्माण कार्य चल रहा है, ऐसे में इस साल रुट में बदलाव हो सकता है।

    गेर को लेकर मुख्यमंत्री के बयान के बाद उत्सव समितियों का गेर निकालने को लेकर उत्साह दुगना हो गया है। संगम कार्नर रंग पंचमी महोत्सव समिति के अध्यक्ष कमलेश खंडेलवाल का कहना है कि गेर को लेकर स्थिति स्पष्ट होने के बाद प्रशासन को अब समितियों की तैयारियों में सहयोग देना चाहिए। वर्तमान में गेर मार्ग पर निर्माण कार्य चल रहा है। उसे जल्द ठीक किया जाना चाहिए।

    टोरी कार्नर रंग पंचमी महोत्सव समिति के समन्वयक शेखर गिरी का कहना है कि दो साल बाद एक बार फिर दुगने उत्साह के साथ हम गेर निकालने की तैयारी हम कर रहे है। मारल क्लब के आयोजक अभिमन्यु मिश्रा ने बताया कि गेर को लेकर कार्यकर्ता में बहुत उत्साह है। इसके लिए महाराष्ट्र के अमरावती की 100 सदस्यी ढोल पार्टी को बुलाया जा रहा है।

    होलकर शासनकाल से चली आ रही परंपरा
    उल्लेखनीय है कि होली के बाद रंगपंचमी पर गेर निकालने की परंपरा आजादी के पहले से चली आ रही है। होलकर राजवंश के समय राजपरिवार के लोग रंगपंचमी पर जुलूस की शक्ल में लोगों के साथ रंग खेलने के लिए सड़कों पर निकलते थे। इंदौर के अलावा मालवा-निमाड़ के कुछ नगरों में भी रंगपंचमी पर गेर निकाली जाती है। समय के साथ गेर में बदलाव हुए होते रहे। अब गेर में 40-50 फुट तक रंगों की बौछार करती मिसाइलें, पिचकारी, वाटर टैंकर शामिल होते है।

    गेर की खासियत
    गेर में शामिल लोगों पर गुलाल और कई तरह के रंग उड़ाए जाते हैं। टैंकर और फायर ब्रिगेड के वाहनों से गीला रंग लोगों पर फेंका जाता है। आसपास के रहवासियों के घरों पर भी रंग-गुलाल उड़ाए जाते हैं। गेर में सुगंधित रंगों का भी उपयोग किया जाता है जिससे उत्साह दोगुना हो जाता है। आसपास के रहवासी भी बिल्डिंगों से रंग फेंकते हैं और करीब 6 घंटे से ज्यादा समय तक गेर का आनंद लिया जाता है। (एजेंसी, हि.स.)

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