डेस्क। यूक्रेन में निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुकी जंग के बीच राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने एलान किया है कि वह रणभूमि नहीं छोड़ेंगे। रूस ने उन्हें ‘दुश्मन नंबर 1’ करार दिया है। कीव पर कब्जे की कोशिश में जुटा रूस किसी भी वक्त इसमें कामयाब होने के बाद जेलेंस्की व अन्य शीर्ष नेताओं को हिरासत में ले सकता है।
जेलेंस्की की जान की जोखिम को देखते हुए अमेरिका ने उन्हें कीव छोड़ने की सलाह दी थी। इस काम में अमेरिका ने मदद की पेशकश भी की थी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जेलेंस्की ने अमेरिका की यह मदद लेने से इनकार कर दिया है। वॉशिंगटन पोस्ट ने खबर दी है कि अमेरिका ने कई सप्ताह पूर्व ही जेलेंस्की को निजी जोखिम से अवगत करा दिया था। अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए के निदेशक विलियम जे बर्न्स ने जनवरी में जेलेंस्की से मुलाकात की थी। उन्होंने जेलेंस्की को चेताया था कि वह अपनी सुरक्षा को लेकर गंभीर हो जाएं।
अब चूंकि कीव पर कब्जे की जंग चल रही है, इसलिए अमेरिका ने फिर से जेलेंस्की से कहा था कि अमेरिका उन्हें वहां से सुरक्षित निकालने में मदद कर सकता है, ताकि उन्हें गिरफ्तार करने या हत्या से बचाया जा सके। अमेरिकी संसद की खुफिया समिति के अध्यक्ष एडम बी शिफ ने कहा है कि हम उन्हें न केवल रूसी आक्रमण के खतरे के बारे में आगाह कर रहे हैं, बल्कि निजी खतरे के प्रति भी चेता रहे हैं। हम किसी भी तरह से उनकी मदद करना चाहते हैं। अमेरिकी खुफिया एजेंसियों का कहना है कि जनवरी से ही रूस की टीम कीव में मौजूद है। उसके इशारे पर ही रूस ने यह सैन्य कार्रवाई छेड़ी है।
रूसी सैनिक भले ही कीव में घुस चुके हों और राजधानी पर कभी भी कब्जा हो सकता है, लेकिन इसके बाद भी यूक्रेन घुटने टेकने के लिए तैयार नहीं है। इस बात का अंदाजा यूक्रेन के राष्ट्रपति वेलोडिमीर जेलेंस्की के नए वीडियो मैसेज से लगाया जा सकता है। दरअसल, राष्ट्रपति जेलेंस्की ने यूक्रेन पर किसी भी पल कब्जे की आशंका के बीच नया वीडियो संदेश सोशल मीडिया पर जारी किया है।
जेलेंस्की ने शनिवार को एक और वीडियो संदेश जारी कर कहा ‘हम यहां हैं। हमारी फौज भी यहां हैं। हमारे नागरिक भी यहां हैं। हम यहां अपनी आजादी की रक्षा के लिए हैं। हम अपने देश की रक्षा कर रहे हैं और ऐसे ही करते रहेंगे। इस वीडियो में उनके साथ प्रधानमंत्री, चीफ ऑफ स्टाफ और राष्ट्रपति भवन के कुछ अन्य अधिकारी भी हैं।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved