वर्कशाप विभाग में चल रहा है काम, अब तक छोटी नावों और अन्य तरीकों से होता था कार्य
इंदौर।
शहर (City) के विभिन्न तालाबों (ponds) और नालों (drains) के आसपास जमा जलकुंभी (water hyacinth) निकालने के लिए निगम कर्मचारियों को खासी मशक्कत करना पड़ती थी और गंदे पानी में उतरकर कई दिनों तक यह अभियान चलाना पड़ता था। अब निगम के वर्कशाप विभाग workshop department) द्वारा जलकुंभी (water hyacinth) निकालने के लिए अत्याधुनिक मशीन (state-of-the-art machines) तैयार की जा रही है, जिससे एक, दो दिन में ही काम पूरा कर लिया जाएगा।
सबसे पहले ज्यादा खराब स्थिति पीपल्यापाला (Pipalyapala pond), सिरपुर तालाब और अन्य तालाबों में बनती थी, जहां कुछ महीनों के अ्ंतराल में ही जलकुंभी (water hyacinth) का फैलाव इतना हो जाता था कि तालाब हरा नजर आने लगता था। निगम (corporation) सिरपुर और पीपल्यापाला तालाब में जलकुंभी (water hyacinth) निकालने के लिए चार नावें और दस से ज्यादा प्रशिक्षित कर्मचारियों को रखा था। हर तीन से चार महीने के अंतराल में वहां सफाई अभियान चलाना पड़ता है। निगम अधिकारियों (corporation officials) के मुताबिक अब वर्कशाप विभाग में इसके लिए विशेष प्रकार की मशीन बनाई जा रही है, जिसे तालाब में उतारकर जलकुंभी (water hyacinth) न केवल हटाई जा सकेगी, बल्कि वहां जमा कचरा भी मशीनों के माध्यम से इकट्ठा किया जा सकेगा। अधिकारियों के मुताबिक अभी पहली मशीन का निर्माण वर्कशाप विभाग के कुशल कर्मचारियों की मदद से किया जा रहा है और यह प्रयोग सफल होने पर तीन से चार मशीनें (machines) बनाने की तैयारी है। तालाबों के साथ-साथ इन मशीनों का उपयोग तीस से ज्यादा छोटे-बड़े नालों से जलकुंभी को हटाने के लिए भी किया जाएगा।
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