भोपाल। वायु प्रदूषण को कम करने के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा लाई गई वाहन स्क्रैपिंग नीति को प्रदेश में भी लागू करने की तैयारी कर ली गई है। इस साल 1 अक्टूबर से प्रदेश में 15 साल पुराना कोई भी सरकारी वाहन नहीं चलेगा। इसके अलावा प्रदेश में आम वाहनों को स्क्रैप करने के लिए वाहन स्क्रैप सुविधा केंद्र बनाने के लिए आवेदन बुलाए गए हैं। ये केंद्र 10 साल के लिए बनाए जाएंगे। इसके बाद उनका नवीनीकरण कराना होगा। उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने 23 सितंबर 2021 को अधिसूचना जारी कर वाहन स्क्रैपिंग नीति लागू करने की घोषणा की थी। अब प्रदेश में भी इसे लागू करने की तैयारी की जा रही है। पूरे भारत में 15 साल से अधिक पुराने करीब 1 करोड़ वाहन हैं।
मध्यप्रदेश में इनकी संख्या करीब 5 लाख है, वहीं इंदौर के क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय के अभिलेखों के अनुसार यहां करीब 4 लाख वाहन ऐसे हैं।परिवहन आयुक्त मुकेश जैन बताते हैं कि पुराने वाहनों के संचालन में ईंधन व रखरखाव पर ज्यादा लागत आती है। ऐसे पुराने वाहनों के सड़क से हटने पर वायु प्रदूषण में कमी आएगी। हमने प्रदेश में इसे लागू करने की तैयारी कर ली है। 15 साल से अधिक पुराने सरकारी वाहनों को अक्टूबर से अनिवार्य रूप से स्क्रैप कराना होगा। समस्त श्रेणी के भारी वाहनों को हर दो साल में स्वचालित परीक्षण केंद्र से ही फिटनेस टेस्ट कराना होगा। यदि कोई वाहन स्वचालित फिटनेस परीक्षण में विफल रहता है, तो इसे एंड-आफ-लाइफ वाहन घोषित किया जाएगा। ऐसे वाहनों को अनिवार्य रूप से पंजीकृत सुविधा केंद्र के माध्यम से स्क्रैप कराना होगा।
स्क्रैप करवाने पर मिलेगी छूट
परिवहन आयुक्त ने बताया कि स्क्रैप किए गए वाहनों के विरुद्ध खरीदे गए नए वाहनों के प्रोत्साहन के लिए केंद्र सरकार द्वारा वाहन पंजीयन शुल्क में पूर्णत: छूट दी गई है। राज्य सरकार भी ऐसे परिवहन यानों के मोटर यान कर में 15 प्रतिशित तक तथा गैर परिवहन यानों के मोटर यान कर में 25 प्रतिशत तक की छूट देने पर विचार कर रही है।
कोई भी व्यक्ति कर सकता है आवेदन
जानकारी के अनुसार पंजीकृत वाहन स्क्रैप सुविधा केंद्र स्थापित करने के लिए कोई भी व्यक्ति, फर्म, सोसायटी, कंपनी या ट्रस्ट परिवहन आयुक्त के समक्ष आवेदन कर सकता है। आवेदन के साथ रुपये एक लाख का गैर वापसी योग्य प्रसंस्करण शुल्क देय होगा। इसके अलावा दस लाख रुपये की अर्नेस्ट मनी बैंक गारंटी के रूप में जमा करनी होगी। आवेदक के पास आरेंज जोन औद्योगिक क्षेत्र में भूमि होनी आवश्यक है।
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