बैतूल। एक नाबालिग के साथ मारपीट कर दुष्कृत्य करने के बाद उसे जिंदा जमीन में दफनाने की कोशिश करने वाले आरोपी को अनन्य विशेष न्यायाधीश (special judge) ने तीन अलग-अलग धाराओं में उम्र कैद की सजा और जुर्माने से दंडित करने का ऐतिहासिक फैसला (historical verdict) सुनाया है। न्यायाधीश के फैसले के बाद आरोपी पर ट्रिपल आजीवन कारावास की सजा एक साथ चलेगी।
तीन धाराओं में आरोपी हुई ट्रिपल उम्र कैद
बैतूल में अनन्य विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) रेखा आर. चन्द्रवंशी ने सारणी थाना क्षेत्र के अंतर्गत 14 वर्ष की अनुसूचित जाति की बालिका के साथ बलात्कार कर हत्या करने के आशय से प्राणघातक चोंटे पहुंचाने वाले आरोपी सुशील वर्मा पिता गोविन्द वर्मा (37) निवासी थाना सारणी तिहरे आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। आरोपी को धारा 376 (3) में आजीवन कारावास एवं 5000 रुपये जुर्माना, धारा 307 में आजीवन कारावास एवं 5000 रुपये जुर्माना, धारा 5 (आर)/6 पॉक्सो एक्ट में आजीवन कारावास एवं 5000 जुर्माना से दंडित किया गया है। इस प्रकरण में शासन की ओर से जिला अभियोजन अधिकारी/विशेष लोक अभियोजक एसपी वर्मा, विशेष लोक अभियोजक शशिकांत नागले एवं विशेष लोक अभियोजक ओमप्रकाश सूर्यवंशी के द्वारा पैरवी की गयी। वहीं वरिष्ठ एडीपीओ अमित कुमार राय के द्वारा लिखित अंतिम तर्क एवं न्याय दृष्टांत प्रस्तुत किये गये।
गड्ढे में पत्थर-पत्नी से दफनाने का किया था प्रयास
प्रकरण की जानकारी देते हुए मीडिया सेल प्रभारी सौरभ सिंह ठाकुर ने बताया कि 18 जनवरी 2021 को पीडि़ता की बड़ी बहन ने पुलिस थाना सारणी की महिला उपनिरीक्षक अल्का राय को रिपोर्ट दर्ज करायी कि उसकी 14 वर्षीय छोटी बहन पीडि़ता घटना दिनांक 18 जनवरी 2021 को शाम 5.30 बजे अपने खेत में मोटर बंद करने गई थी जो वापस नहीं आयी। उसके और पिता द्वारा तलाश करने पर वह नाले में गड्डे के अंदर पड़ी थी। उसके सिर पर चोट लगकर खून बह रहा था। कपड़े अस्त-व्यस्त थे। कुछ पत्थर एवं पत्ते पीडि़ता के उपर रखे थे। पीडि़ता के शरीर पर गंभीर चोटें मौजूद थीं। पीडि़ता के शरीर से रक्त बह रहा था।
पड़ोसी ने किया था यह कृत्य
उन्होंने पीडि़ता को खेत पर लाया और उससे पूछा कि उसके साथ क्या हुआ तब पीडि़ता ने उन लोगों को बताया कि खेत के पड़ोसी सुशील वर्मा ने उसके साथ बलात्कार किया और मारपीट की। पीडि़ता को परिजन अस्पताल घोड़ाडोंगरी लाये। रिपोर्ट पर मौके पर देहाती नालसी शून्य पर लेखकर थाना सारणी में असल अपराध धारा 376 (3) 323, 324, 3/4 पॉक्सो एक्ट एवं 3(1) (डब्ल्यू) (1), 3 (2) (व्ही) (ए) एससी/एसटी एक्ट का प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना लिया गया। आरोपी के विरुद्ध घटना के मात्र 7 दिन के भीतर अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। वहीं न्यायालय ने घटना के लगभग 13 माह के भीतर विचाारण पूर्ण कर अभियुक्त को दण्डित किया है। प्रकरण की गंभीरता को दृष्टिगत रखते हुये जिला दण्डाधिकारी, पुलिस अधीक्षक एवं जिला अभियोजन अधिकारी की समिति के द्वारा प्रकरण को चिन्हित जघन्य एवं सनसनीखेज प्रकरण की सूची में रखा गया था।
अभियोजन ने की थी अधिकतम दंड की मांग
प्रकरण की गंभीरता एवं आरोपी द्वारा किये गये जघन्यतम कृत्य को दृष्टिगत रखते हुये अभियोजन ने न्यायालय से आरोपी को विधि में वर्णित अधिकतम दंड प्रदान करने की मांग की थी। अभियोजन ने न्यायालय में भारतीय संविधान एवं विधि में वर्णित विभिन्न प्रावधानों एवं सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा विभिन्न निर्णयों में पारित विधिक सिद्धांतों के परिप्रेक्ष्य में न्यायालय से यह अनुरोध किया कि आरोपी को अधिकतम दंड से दंडित किया जाये। न्यायालय ने अभियोजन के तर्कों से सहमत होते हुये आरोपी को दण्डित किया।
पीडि़ता को प्रदान किया प्रतिकर
न्यायालय ने दोषसिद्ध करने के साथ मप्र पीडि़त प्रतिकर योजना के अंतर्गत पीडि़ता को प्रदान किये जाने हेतु जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बैतूल को लेख किया है। आरोपी के उपर अधिरोपित 15000 रुपये के अर्थदण्ड में से 10000 रुपये का प्रतिकर पीडि़ता को दिलाया गया है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved