नई दिल्ली । कोरोना (corona) के खिलाफ देश में अब तक कुल 9 वैक्सीन (Vaccine) को मंजूरी मिल चुकी है, लेकिन अभी सिर्फ चार वैक्सीन का ही इस्तेमाल हो रहा है। उसमें से तीन वैक्सीन का प्रमुखता से इस्तेमाल हो रहा है और एक को हाल ही में आम लोगों के लिए उपलब्ध कराया गया है। कोरोना से देश भर में मौत के आंकड़ों की बात करें तो यह 5 लाख से अधिक पहुंच गया है। दूसरी तरफ केंद्र सरकार का दावा है कि पहले के मुकाबले देश में कोरोना संक्रमण (corona infection) के केस कम हो रहे हैं।
इन चार का हो रहा है इस्तेमाल
कोविशिल्ड: इस वैक्सीन को सीरम इंस्टीट्यूट ने बनाया है। भारत में सबसे पहले इस वैक्सीन को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दी गई थी। यह दो डोज की वैक्सीन है, पहली डोज के बाद दूसरी डोज का अभी अंतर 84 दिन का है। भारत में इसका इस्तेमाल हो रहा है, लगभग 75 परसेंट वैक्सीनेशन इसी से हुई है।
कोवैक्सीन: भारत बायोटेक ने यह वैक्सीन बनाई है। यह दूसरी वैक्सीन है, जिसे देश में इस्तेमाल की मंजूरी मिली है। यह भी दो डोज की वैक्सीन है। इसमें पहले और दूसरे डोज का अंतर 28 दिन ही है। यह दूसरी ऐसी वैक्सीन है, जिसका देश में सबसे ज्यादा इस्तेमाल हुआ है।
स्पूतनिक V: रूस की स्पूतनिक v तीसरी वैक्सीन है जिसे देश में इस्तेमाल की मंजूरी मिली है। यह भी दो डोज की वैक्सीन है, लेकिन इसकी पहली और दूसरी डोज अलग अलग हैं। इसका भी इस्तेमाल हो रहा है, लेकिन सीमित संख्या में।
जायकोव डी: जायडस कैडिला की यह वैक्सीन तीन डोज की है। यह निडिल फ्री वैक्सीन है, जिसे जेट इंजेक्टर से लगाया जाएगा। इसका ट्रायल 12 से 18 साल के बच्चों पर भी हुआ है। लेकिन अभी इसे केवल 18 साल से ऊपर वालों के लिए ही मंजूरी दी गई है। 28 दिन के अंतराल पर दी जाएगी। पहली के बाद दूसरी 28 और तीसरी 56 दिन बाद लगेगी। इसी महीने इसकी सप्लाई बिहार और अन्य राज्यों में शुरू की गई है।
अभी इन 5 के लिए और इंतजार
मॉडर्ना: अमेरिकी कंपनी की यह वैक्सीन है, जो एमआरएनए तकनीक पर बनाई गई है। इसे माइनस 25 डिग्री पर रखा जाता है। यह भी दो डोज की वैक्सीन है और इसके डोज का अंतर 4 हफ्ते है। भारत में इस वैक्सीन का इस्तेमाल शुरू नहीं हुआ है।
जॉनसन एंड जॉनसन: अमेरिकी कंपनी की यह सिंगल शॉट वैक्सीन है, जिसे भारत में इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिली है। कंपनी के अनुसार यह सिंगल शॉट वैक्सीन है, यानी एक डोज की वैक्सीन है। इस वैक्सीन की भी अभी तक सप्लाई नहीं शुरू हुई है।
कॉर्बोवैक्स वैक्सीन: भारत की पहली स्वदेशी रूप से विकसित आरबीडी प्रोटीन सब यूनिट वैक्सीन है। हैदराबाद की कंपनी बायोलॉजिकल ई ने बनाया है। यह भी दो डोज की वैक्सीन है। इसे पिछले साल 28 दिसंबर को मंजूरी मिली थी लेकिन अभी तक इस्तेमाल नहीं हो रहा है।
कोवोवैक्स: नैनोपार्टिकल्स वैक्सीन कोवोवैक्स सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया बना रही है। इसके तीसरे फेज का ट्रायल काफी प्रभावी रहा है। यह दो डोज की वैक्सीन है। इस वैक्सीन को भी 20 दिसंबर 2021 को मंजूरी मिली थी, लेकिन अभी लोगों के लिए उपलब्ध नहीं है।
स्पूतनिक लाइट: इसे डॉक्टर रेड्डीज लैबोरेटरी ने बनाया है। यह हैदराबाद की यह कंपनी है। सिंगल डोज वैक्सीन है। इसे देश में इस साल 6 फरवरी को इस्तेमाल की मंजूरी मिली थी लेकिन इसका भी अभी तक इस्तेमाल शुरू नहीं हुआ है।
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