नई दिल्ली । आईआईटी दिल्ली (IIT Delhi) सियाचिन ग्लेशियर (Siachen Glacier) जैसे हाई एल्टीट्यूड वाले क्षेत्रों में तैनात सैनिकों (Soldiers Stationed) के लिए परिधान और उपकरण (Apparel and Equipment) तैयार (Prepare) किए जाएंगे, साथ ही बैलिस्टिक हथियारों से सुरक्षा प्रदान करने वाले कपड़े और सेंसर फिटेड कपड़ों के अनुसंधान और विकास के क्षेत्र में आईआईटी दिल्ली के साथ मिलकर काम किया जाएगा।
भारत सरकार के उपक्रम, ट्रूप कम्फर्ट्स लिमिटेड (टीसीएल) ने इस महत्वपूर्ण योजना के लिए आईआईटी दिल्ली के साथ करार किया है। टीसीएल का मुख्यालय उत्तर प्रदेश के कानपुर में है। टीसीएल सैनिकों और अर्धसैनिक बलों के लिए ट्रूप कम्फर्ट आइटम का उत्पादन करता है। टीसीएल के अंतर्गत चार निर्माता हैं- आयुध उपकरण निर्माता, कानपुर, उत्तर प्रदेश आयुध वस्त्र निर्माता, शाहजहांपुर, उत्तर प्रदेश आयुध वस्त्र निर्माता, आवाडी, चेन्नई, तमिलनाडु एवं आयुध उपस्कर निर्माता, हजरतपुर, उत्तर प्रदेश।
आईआईटी दिल्ली के मुताबिक इस समझौते के तहत, टीसीएल और आईआईटी दिल्ली सियाचिन ग्लेशियर जैसे हाई एल्टीट्यूड वाले क्षेत्रों में तैनात सैनिकों के लिए परिधान और उपस्कर, बैलिस्टिक हथियारों से सुरक्षा प्रदान करने वाले कपड़े और सेंसर फिटेड कपड़ों के अनुसंधान और विकास के क्षेत्र में मिलकर काम करेंगे।
आईआईटी दिल्ली ने आईएएनएस को बताया कि टीसीएल की सभी चार निर्माणियां अपनी आवश्यकताओं के आधार पर आईआईटी दिल्ली को अनुसंधान और इनोवेशन के लिए परियोजनाएं सौंपेंगी। सहयोग के दायरे में सभी नए क्षेत्रों को शामिल किया। इसमें रक्षा अनुप्रयोगों के लिए स्मार्ट टेक्सटाइल्स का उपयोग, ट्रूप कम्फर्ट आइटम्स में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का एकीकरण और भविष्य उन्मुखी इन्फेंट्री सैनिक को सिस्टम के रूप में विकसित करना (दूरसंचार और स्वास्थ्य निगरानी उपकरण का एकीकरण) शामिल है। दोनों संगठन सहयोगी परियोजनाओं को सुचारू रूप से शुरू करने के लिए एक संयुक्त कार्य समूह का गठन करेंगे।
टीसीएल के सीएमडी एस.के.सिन्हा ने कहा, आत्मनिर्भर भारत मिशन के तहत आईआईटी दिल्ली के साथ यह एमओयू देश की सेनाओं को सशक्त और आधुनिक बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।
प्रो. सुनील कुमार खरे, डीन, अनुसंधान एवं विकास, आईआईटी दिल्ली ने कहा, संस्थान का टेक्सटाइल एवं फाइबर इंजीनियरिंग विभाग स्मार्ट टेक्सटाइल के क्षेत्र में इनोवेशन के लिए एक जाना-माना नाम है। टी.सी.एल. के साथ हुए इस एमओयू के माध्यम से अपने सुरक्षा बलों को सहयोग करने पर हमें गर्व है।
सरकार की हालिया नीतियों के फलस्वरूप टीसीएल परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। इसका लक्ष्य सुरक्षा बलों की आवश्यकताओं हेतु संपूर्ण समग्र समाधान प्रदाता बनना है। सरकार द्वारा संचालित इस फर्म का लक्ष्य सैनिकों के साथ-साथ सिविल मार्केट के लिए पारंपरिक वस्तुओं के उत्पादन से तकनीक आधारित वस्तुओं के उत्पादन पर स्विच करना है।
गौरतलब है कि आईआईटी दिल्ली डीआरडीओ के साथ मिलकर भी कई महत्वपूर्ण रिसर्च कार्य कर रहा है। जिससे सैन्य बलों को आधुनिक उपकरण मुहैया कराए जा सकें। इसके अलावा आईआईटी दिल्ली में राष्ट्रीय ध्वज के लिए भी एक अनोखा कपड़ा तैयार किया जा रहा है। सूती धागों से बनने वाला राष्ट्रीय ध्वज का यह कपड़ा किसी सामान्य कपड़े के मुकाबले कहीं अधिक मजबूत और टिकाऊ है।
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