वॉशिंगटन। अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र में चेतावनी दी है कि रूस अगर यूक्रेन पर हमला करता है तो वहां मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन कर सकता है। अमेरिका ने कहा कि उसके पास इस खतरे के पुख्ता सबूत मौजूद हैं। अमेरिका ने कहा कि रूस ने बड़ी तादाद में आलोचकों, विद्रोहियों और अन्य समूहों को यूक्रेन में निशाना बनाने की योजना बनाई है। इन लोगों को यातना शिविरों में भी भेजा जा सकता है।
अमेरिका के इस आरोप का रूस ने खंडन किया है। संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी दूत बतशेबा नेल क्रोकर ने संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकारों पर आयुक्त को एक पत्र लिखकर यह आशंका जताई है। अमेरिका ने कहा, ‘हमारे पास इस बात के विश्वसनीय साक्ष्य हैं कि रूसी सेनाएं यूक्रेन के लोगों की पहचान करके उनकी एक लिस्ट बना रही हैं। इन्हें सैन्य हमले के बाद या तो मारा जा सकता है या फिर शिविरों में भेजा जा सकता है।’
पुतिन के साथ बैठक कर सकते हैं बाइडन
इस बीच वाइट हाउस ने कहा है कि रूस अगर यूक्रेन पर हमला नहीं करे तो अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन अपने रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन के साथ ‘सैद्धांतिक रूप से’ बैठक करने को तैयार हैं। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की मध्यस्थता से यह स्थिति बनी है।
अमेरिका ने लगातार आगाह किया है कि रूस कभी भी यूक्रेन पर हमला कर सकता है और साथ ही रूस के ऐसा करने पर उस पर कड़े प्रतिबंध लगाने की चेतावनी भी दी है। उधर, रूस ने यूक्रेन पर हमला करने के अमेरिकी दावों को खारिज किया है। वाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने कहा, ‘राष्ट्रपति ने लगातार यह स्पष्ट किया है कि हम हमला शुरू होने के क्षण तक कूटनीतिक समाधान तलाश करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’
साकी ने कहा कि अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव भी गुरुवार को यूरोप में मुलाकात करेंगे, बशर्ते रूस सैन्य कार्रवाई की तरफ नहीं बढ़े। साकी ने एक बयान में कहा, ‘राष्ट्रपति बाइडन रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ सैद्धांतिक रूप से बैठक करने को तैयार हैं, अगर बैठक के बाद हमला नहीं हो। हम कूटनीतिक रास्ते पर चलने को हमेशा तैयार हैं।’
साकी ने कहा कि बाइडन ने मैक्रों से रविवार को बात की थी और दोनों नेताओं ने यूक्रेन की सीमाओं पर रूस के सैनिकों की तैनाती के जवाब में कूटनीतिक और प्रतिरोधात्मक प्रयासों पर चर्चा की। एक अनुमान के अनुसार, यूक्रेन के सीमाओं पर रूस ने अपने 1,50,000 सैनिकों की तैनाती की है, जबकि 30 जनवरी तक वहां एक लाख सैनिक ही थे।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved