इंदौर। आरई-2 का एक हिस्सा तो प्राधिकरण ने लगभग बना दिया है, वहीं दूसरा हिस्सा नगर निगम बेटरमेंट टैक्स लेकर बनाएगा, जिसके लिए खुदाई का काम भी मौके पर शुरू कर दिया है। 42 करोड़ रुपए की इस सडक़ पर लगभग 700 बाधाएं हैं, जिनमें अधिकांश झुग्गी झोपडिय़ां काबिज हैं, जिन्हें विस्थापित किया जा रहा है। भूरी टेकरी से नायता मुंडला बस स्टैंड तक सवा 4 किलोमीटर लम्बी और 24 मीटर चौड़ी इस सडक़ का निर्माण नगर निगम द्वारा किया जा रहा है।
दरअसल, प्राधिकरण द्वारा नायता मूंडला में आईएसबीटी का निर्माण भी किया जा रहा है, जो कि नए आरटीओ भवन के पास स्थित है। अभी पिछले दिनों ही प्राधिकरण अध्यक्ष जयपालसिंह चावड़ा ने निगमायुक्त प्रतिभा पाल के साथ दौरा भी किया और बाधक निर्माणों को हटाने और रहवासियों को विस्थापित करने का भी निर्णय लिया गया। नगर निगम ने बेटरमेंट टैक्स के लिए प्रभावित लोगों की सूची बनाकर उन्हें टैक्स जमा करने के नोटिस भी जारी कर दिए हैं।
हालांकि इसको लेकर विरोध भी चल रहा है। आरई-2 का सर्वे पूरा करने के बाद विस्थापित किए जाने वाले लोगों की सूची भी बन गई है। इन लोगों के पट्टे और अन्य दस्तावेजों की जांच के बाद उन्हें विस्थापित किया जाएगा। दरअसल, आरई-2 के निर्माण से जहां प्राधिकरण के आईएसबीटी को फायदा मिलेगा, वहीं आरटीओ जाना-आना भी आसान हो सकेगा।
अभी आरटीओ दफ्तर के आसपास बड़ी संख्या में अतिक्रमण हैं और आईएसबीटी की एप्रोच रोड में भी झुग्गी झोपडिय़ां बाधक हैं, उन्हें भी हटाया जा रहा है। वहीं नगर निगम को पिछले दिनों शासन ने 5 सडक़ों के निर्माण के लिए 141 करोड़ रुपए का वित्तीय लोन लेने की भी मंजूरी दी, जिसकी प्रक्रिया भी नगर निगम शुरू कर चुका है और इन सड़क़ों के निर्माण करने के बाद दोनों तरफ 500 मीटर के दायरे में आने वाले जमीन मालिकों से बेटरमेंट टैक्स लिया जाएगा।
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