नई दिल्ली। अगस्त 2020 में कोझिकोड एयरपोर्ट पर एक बड़ा हादसा हुआ था, जहां एयर इंडिया का विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इसके बाद एक समिति का गठन हुआ था। उसकी सिफारिशों पर अब नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने सभी एयरलाइंस को चाइल्ड रेस्ट्रेंट सिस्टम (CRS) लागू करने के लिए एडवाइजरी भेजी है, ताकि फ्लाइट के अंदर बच्चों की रक्षा की जा सके।
डीजीसीए के अनुसार सीआरएस सीट बेल्ट के अलावा एक उपकरण है, जिसे विशेष रूप से उड़ान के सभी चरणों के दौरान एक शिशु या बच्चे की सुरक्षा के लिए डिजाइन किया गया है। इसको बस विमान की सीट के साथ इंटरफेस करने की जरूरत है। इसके बाद इस पर बैठा बच्चा भी पूरी तरह से सुरक्षित रहेगा।
अपने निर्देश में डीजीसीए ने कहा कि हवाई हादसों के वक्त बच्चों को बचाना बहुत बड़ी चुनौती है। माता-पिता द्वारा हादसे के वक्त शारीरिक रूप से बच्चों को रोकना संभव नहीं है। ऐसे में बच्चों को सुरक्षित रखने का सबसे कारगर तरीका सीट पर सीआरएस लगाना है। इस वजह से सभी एयरलाइंस को सलाह दी जाती है कि वो यात्रियों द्वारा सीआरएस के उपयोग को बढ़ाने के लिए उन्हें प्रोत्साहित करें।
कैसे हुआ था हादसा?
वंदे भारत मिशन के तहत एयर इंडिया का विमान दुबई से यात्रियों को लेकर 7 अगस्त 2020 को कोझिकोड एयरपोर्ट आ रहा था। दो बार उसने लैंडिंग की कोशिश की, लेकिन पायलट कामयाब नहीं हुए। तीसरी बार विमान रनवे से आगे निकल गया। इसके बाद विमान दो हिस्सों में बंट गया। उसमें 190 यात्री सवार थे, जिसमें से 20 की मौत हुई थी।
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