बेंगलुरूः कोरोना वायरस (Coronavirus) का कहर झेल रही दुनिया में कोविड-19 के डेल्टाक्रोन (Deltacron) वेरिएंट ने नई दहशत फैला दी है. जानलेवा डेल्टा (Delta) और बेहद तेजी से फैलने वाले ओमिक्रोन (Omicron) वैरिएंट से मिलकर बने इस वायरस के कुछ केस ब्रिटेन, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में मिले हैं. इनकी संख्या बेहद कम है. लेकिन वैज्ञानिक चौकन्ने हो गए हैं. भारतीय वैज्ञानिक भी इस पर नजर रखे हुए हैं. उन्होंने कहा है कि पैनिक करने की जरूरत नहीं है. भारत में अभी तक डेल्टाक्रोन का कोई भी केस रिपोर्ट नहीं हुआ है.
न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की मशहूर वायरॉलजिस्ट डॉ. गगनदीप कांग ने कहा कि कोरोना वायरस के अलग-अलग वैरिएंट से मिलकर बने नए वायरस और म्यूटेडेट वायरस में अंतर होता है. म्यूटेशन हालात और परिस्थितियों की वजह से वायरस के अंदर होने वाले बदलावों को कहते हैं.
जबकि तथाकथित डेल्टाक्रोन को अलग-अलग वायरस के संयोजन से बना नया वायरस बताया जा रहा है. अभी हम इसके बारे में सटीक तौर पर कुछ नहीं कह सकते. उसके लिए हमें इसकी क्लिनिकल जांच करनी होगी, इसके फैलने की क्षमता जांचनी होगी, महामारी डाटा आदि देखना होगा. तभी हम इसके बारे में कुछ ठोस बता पाएंगे.
भारत में कोरोना टीकाकरण के लिए बनाए गए राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह NTAGI के कोविड वर्किंग ग्रुप की सदस्य डॉ. कांग ने कहा कि ये डेल्टाक्रोन ही है या कोई और वायरस, यह भी अभी पुख्ता तौर पर नहीं कहा जा सकता. यह बताने के लिए पर्याप्त संख्या में इसके केस होना जरूरी है. तभी हम बता पाएंगे कि ये कितना गंभीर है, शरीर के इम्यून सिस्टम को किस तरह चकमा दे सकता है और इसके फैलने की क्षमता कितनी है.
डेल्टाक्रोन के बारे में सबसे पहले ब्रिटेन में पता चला था. वहां एक व्यक्ति डेल्टा और ओमिक्रोन वैरिएंट से एक साथ पीड़ित हुआ था. उसी में सबसे पहले इसे देखा गया था. लेकिन अभी ये साफ नहीं है कि इस वायरस ने यूके में ही ये रूप बनाया या कहीं बाहर से वहां पहुंचा.
भारत में सार्स कोविड-2 जीनोम से जुड़े कंसोर्टियम (INSACOG) के नोडल ऑफिसर डॉ. वी. रवि ने न्यू इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि ब्रिटेन ने इसे अभी ‘वैरिएंट अंडर इनवेस्टिगेशन’ की कैटिगरी में रखा है. वहां के अधिकारियों का भी कहना है कि वह अभी ये नहीं जानते कि ये इन्फेक्शन कितना सीरियस है और क्या ये मौजूदा वैक्सीन की क्षमता को भी प्रभावित कर सकता है या नहीं. इस पर INSACOG की भी पूरी नजर है. लेकिन अभी घबराने की जरूरत नहीं है.
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