चंडीगढ़। पंजाब विधानसभा चुनाव (punjab assembly elections) में फिर से लड़ने वाले 78 विधायकों (77%) की संपत्ति में 2% से 2,954% तक की बढ़ोतरी हुई है। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की एक रिपोर्ट (report by the Association for Democratic Reforms (ADR)) से यह बात सामने आई है। 2017 और 2022 के विधानसभा चुनावों के बीच इन 101 विधायकों के चुनावी हलफनामों के विश्लेषण के आधार पर औसत संपत्ति वृद्धि ₹2.76 करोड़ है।
रिपोर्ट के अनुसार, जलालाबाद निर्वाचन क्षेत्र से शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के सुखबीर सिंह बादल (Sukhbir Singh Badal) ने संपत्ति में सबसे ज्यादा 100 करोड़ रुपये की वृद्धि की घोषणा की है। उनकी संपत्ति 2017 में 102 करोड़ से बढ़कर 2022 में 202 करोड़ रुपये हो गई। उनके बाद भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के मनप्रीत सिंह बादल हैं, जिनकी संपत्ति 2017 में 40 करोड़ से बढ़कर 2022 में 72 करोड़ हो गई।
21 विधायकों की संपत्ति में -2% से -74% तक गिरावट
हालांकि, पिछले पांच वर्षों में 21 विधायकों की संपत्ति में -2% से -74% तक गिरावट देखी गई है। इनमें मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी भी हैं, जिनकी संपत्ति 2017 में ₹14.51 करोड़ से घटकर 2022 में ₹9.45 करोड़ हो गई। पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने भी संपत्ति में मामूली कमी बताई। उनकी संपत्ति 2017 में ₹45.9 करोड़ से घटकर इस साल ₹44.65 करोड़ हो गई।
कैप्टन अमरिंदर की संपत्ति में 5 साल में 42% की वृद्धि
रिपोर्ट के अनुसार, पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की संपत्ति में पिछले पांच वर्षों में 42% की वृद्धि हुई। उनकी संपत्ति 2017 में 48.3 करोड़ से 2022 में 68.7 करोड़ हो गई। कांग्रेस विधायक जो फिर से चुनाव लड़ रहे हैं, उनकी संपत्ति में 11.13% की वृद्धि हुई है। शिअद और आम आदमी पार्टी के विधायकों में क्रमशः 49.91% और 46.39% की वृद्धि देखी गई। भारतीय जनता पार्टी के पांच विधायकों की संपत्ति में 2017 से 1% की कमी दर्ज हुई।
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