नई दिल्ली । भारत और यूएई के बीच हुए मुक्त व्यापार समझौते India and UAE, Free Trade Agreement (FTA एफटीए) से वैसे तो देश के कई राज्यों के उद्योगों को फायदा होगा लेकिन उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh), पंजाब और जम्मू और कश्मीर (Punjab and Jammu and Kashmir) को भी इस कारोबारी समझौते का तत्काल लाभ होगा। वाणिज्य मंत्रालय की तरफ से अनुमान लगाया गया है कि सिर्फ उत्तर प्रदेश के टेक्सटाइल उद्योग ( Ministry Commerce Textile Industry Uttar Pradesh) को दो अरब डालर का अतिरिक्त आर्डर अगले पांच वर्षों में मिल सकता है। जबकि पंजाब (Punjab Agriculture Sector) को सिर्फ कृषि क्षेत्र से अगले पांच वर्षों में 85 करोड़ डालर का अतिरिक्त आर्डर मिल सकता है।
बता दें कि यूएई अपनी खाद्य सुरक्षा के लिए भारत पर धीरे धीरे आश्रित हो रहा है इसका फायदा इन दोनों कृषि आधारित राज्यों को होने की संभावना है। इसी तरह से यूएई के कई औद्योगिक समूहों ने जम्मू व कश्मीर में कारोबार स्थापित करने की इच्छा भारत सरकार के समक्ष जताई है, यह समझौता इन समूहों की योजनाओं को जमीन पर उतारने में मददगार साबित होगी। पीएम नरेंद्र मोदी और यूएई के क्राउन प्रिंस व एक्जीक्यूटिव काउंसिल के चेयरमैन शेख मोहम्मद बिन जायद अल नहयान के बीच वर्चुअल समिट के दौरान दोनो देशों के बीच पूर्ण आर्थिक साझेदारी समझौता (सीईपीए) पर हस्ताक्षर हुआ था। यह एफटीए का ही व्यापक रूप है।
वाणिज्य मंत्रालय के सूत्रों ने कहा है कि यूएई के जरिये भारत के टेक्सटाइल सेक्टर की मांग विश्व स्तर पर बढ़ेगी और इसकी वजह से वाराणसी और लखनऊ स्थित टेक्सटाइल सेक्टर को भी बड़ा फायदा होने वाला है। खास तौर पर हस्तनिर्मित टेक्सटाइल को शुल्क मुक्त किए जाने का फायदा होगा और यूपी के टेक्सटाइल सेक्टर को अगले पांच वर्षों में दो अरब डालर (तकरीबन 14,000 करोड़ रुपये) का अतिरिक्त आर्डर मिलेगा। इसके अलावा राज्य के हस्तनिर्मित टेक्सटाइल फाइबर के निर्यात में तकरीबन 65 करोड़ डालर का इजाफा होगा।
सीईपीए की वजह यूएई को भारत से भेजे जाने वाले रत्न व आभूषण के निर्यात में भी इजाफा होने की बात कही जा रही है और इससे उत्तर प्रदेश के रत्न आभूषण निर्यातकों को फायदा होगा। वाराणसी के स्वर्ण आभूषणों की मांग पहले से ही खाड़ी के देशों में है। उम्मीद है कि वर्ष 2023 में यूएई को भारत से 10 अरब डालर के स्वर्ण आभूषणों का निर्यात किया जा सकेगा। समझौते के मुताबिक यूएई भारत से आने वाले आभूषण पर सीमा शुल्क की दर घटाएगा। इसका फायदा वाराणसी के आभूषण निर्माताओं और उनके यहां काम करने वाले कारीगरों को भी होगा।
इलेक्ट्रानिक्स मैन्यूफैक्चरिंग के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश का नोएडा शहर तेजी से आगे बढ़ रहा है। दूसरी तरफ यूएई को भारत से इलेक्ट्रानिक्स निर्यात एक वर्ष में 2.4 अरब डालर से बढ़कर 2021-22 में 4.6 अरब डालर होने जा रहा है। वाणिज्य मंत्रालय का अनुमान है कि अगले दो वर्षों के दौरान यूएई को इलेक्ट्रानिक्स निर्यात में 10 फीसदी सालाना व उसके बाद के तीन वर्षों में 15 फीसदी सालाना का इजाफा होगा। इसका फायदा नोएडा के इलेक्ट्रानिक्स उद्योग को भी होगा।
प्लास्टिक से बने उत्पादों का यूएई को भारत होने वाले निर्यात में अगले पांच वर्षों तक 25-26 फीसदी सालाना का इजाफा होने की संभावना है जिसका फायदा देश के दूसरे राज्यों की इकाइयों के अलावा उत्तर प्रदेश के नोएडा, बुंदेलखंड, गाजियाबाद, लखनऊ के उद्योगों को होगा। सीईपीए के मुताबिक यूएई भारत से आयात होने वाले पोलीथीलाइन व पोलीप्रोपलाइन पर सीमा शुल्क घटाएगा। इससे भारत में निर्मित उत्पाद चीन व विएतनाम के उत्पादों के मुकाबले ज्यादा प्रतिस्पर्द्धी होंगे।
पंजाब को होने वाले फायदे के बारे में वाणिज्य मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि खाद्य सुरक्षा यूएई की एक गंभीर चिंता है और वह भारत को अपनी खाद्य सुरक्षा के केंद्र के तौर पर देख रहा है। पंजाब को यूएई से पांच वर्षों में 85 करोड़ डालर के खाद्य उत्पादों का आर्डर मिल सकता है। इसके अलावा पंजाब के लुधियाना स्थित गारमेंट उद्योग व आटोमोबाइल पार्ट्स उद्योग को फायदा होगा।
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