नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने इंदौर (Indore) में बने एशिया के सबसे बड़े बायो सीएनजी प्लांट गोबर-धन का वर्चुअल तरीके से लोकार्पण किया है. आपको बता दें कि स्वच्छता के नवाचारों को लेकर इंदौर बीते 5 सालों से स्वच्छ सर्वेक्षण में नंबर 1 के ताज पर अपना कब्जा ब हुए हैं. इंदौर शहर में तैयार हुए एशिया के सबसे बड़े बायो सीएनजी प्लांट (Bio CNG Plant) का लोकापर्ण स्वच्छता के नवाचारों में एक मील का पत्थर साबित होगा. ट्रेचिंग ग्राउंड में 550 टन गीले कचरे से 17500 किलो बायो सीएनजी तैयार करने वाले ‘गोवर्धन बायो सीएनजी प्लांट’ का शुभारंभ हो गया है.
प्लांट की खासियत
इस प्लांट के जरिए एक साल में 1 लाख 30 हजार टन कार्बन डाइ आक्साइड के उत्सर्जन को कम किया जा सकेगा. इस कार्यक्रम में प्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल, CM शिवराज सिंह चौहान भी वर्चुअली शामिल हुए. आयोजन में शहर के सांसद शंकर लालवानी, जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट, नगरीय प्रशासन राज्य मंत्री ओपीएस भदौरिया समेत शहर के गणमान्य नागरिक और अधिकारी मौजूद रहे.
तीन शहरों में जीरो लैंडफिल मॉडल
देश में रायपुर समेत तीन शहरों में ऐसी तैयारी की गई है कि ज्यादा से ज्यादा कचरा रिसाइकिल हो ताकि वहां लैंडफिल के ऊंचे उंचे पहाड़ बनने जैसी नौबत न आए. इस दिशा में मोबियस फाउंडेशन के प्रयासों की कामयाबी का जिक्र करते हुए एक शॉर्ट फिल्म भी दिखाई गई. धीरे देश के बाकी शहरों में भी ऐसे बायो सीएनजी प्लांट लगेंगे और वो भी स्वच्छता के क्षेत्र में ऐसे कदम उठाकर आगे बढ़ सकेंगे. इस सिलसिले में मुस्कान ज्योति नामक संगठन जो उत्तर प्रदेश में कचरे का प्रबंधन कर रहा है उसके प्रयासों को भी वीडियो फिल्म के जरिए दिखाया गया.
इंदौर की तारीफ
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में लगातार पांच साल तक स्वच्छता सर्वे में अव्वल आने पर इंदौर शहर और उसके लोगों की तारीफ की है. इंदौर का ये बायो सीएनजी प्लांट एशिया का सबसे बड़ा प्लांट है. पीएम मोदी का कहना है कि इस नए प्लांट से इंदौर में साफ सफाई के काम में और तेजी आएगी और इंदौर दूसरे शहरों को भी प्रेरणा देगा.
CM शिवराज ने बताया वर्किंग मॉडल
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने अपने संबोधन में कहा, ‘इंदौर के लोगों को बधाई देता हूं. इंदौर देश का अकेला शहर है जो 6 तरह के कचरे को अलग करता है. यहां 20 से ज्यादा बाजार जीरो वेस्ट जोन बने हैं. यहां नदियों को पुर्नजीवित किया जा रहा है. PM नरेंद्र मोदी के मंत्र के साथ भोपाल, जबलपुर और रीवा भी इसी ओर बढ़ रहे हैं.’ इस प्लांट में गीले कचरे से खाद बनाई जाएगी. इस प्लांट में बैक्टीरिया तैयार करने में गोबर का इस्तेमाल करेंगे, किसानों से गोबर खरीदा जाएगा. प्लांट में सौर उर्जा का उपयोग करेगा. यह प्रोजेक्ट इस तरह आम के आम गुठलियों के दाम की कहावत को सच साबित कर रहा है.
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