मास्को। यूक्रेन संकट (Ukraine crisis) के बीच हाल ही में फ्रांस के प्रेसिडेंट इमैनुएल मैक्रों (France President Emmanuel Macron) और उसके बाद जर्मन चांसलर ओलाफ शॉल्त्स (German Chancellor Olaf Scholz) ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Russian President Vladimir Putin) से मुलाकात की थी। यूक्रेन को लेकर रूसी रवैये के अलावा जिस एक चीज ने लोगों का ध्यान खींचा, वो थी 20 फुट लंबी मार्बल की टेबल, जिसके एक-एक छोर पर दोनों नेताओं ने बैठकर बातचीत की। इतनी लंबी टेबल को लेकर सोशल मीडिया पर बहुत से मीम्स भी बने. दोनों नेताओं के बीच इस दूरी की एक वजह थी मैक्रों और ओलाफ का रूसी डॉक्टरों से कोविड टेस्ट न कराना. दरअसल कहीं न कहीं ये आशंका थी कि रूस उनके कोविड सैंपल से उनका डीएनए हासिल न कर ले।
यूक्रेन की रूसी घेराबंदी के बीच फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों पिछले हफ्ते बातचीत के लिए मॉस्को गए थे। जर्मन चांसलर ने मंगलवार को पुतिन से मुलाकात की. दोनों ने रूस में अपना कोविड टेस्ट नहीं कराया. बात ये नहीं है कि वे कोरोना के टेस्ट के खिलाफ थे. वो अपने सैंपल रूसी डॉक्टरों को नहीं देना चाहते थे. दरअसल विश्व राजनीति के बड़े नेता किसी भी दूसरे देश के हाथ ऐसी कोई भी चीज नहीं लगने देना चाहते, जिसका वो फायदा उठा सके. ऐसी ही एक चीज है डीएनए।
डीएनए में छिपी होती है कुंडली
हमारे शरीर में कई करोड़ सेल्स होते हैं. रेड ब्लड सेल्स को छोड़कर बाकी सभी सेल्स में एक जेनेटिक कोडिंग होती है जो शरीर को बनाती है. डीएनए सीढ़ियों जैसी संरचना होती है, जिनमें किसी इंसान की कुंडली छिपी होती है. डीएनए के जरिए किसी के बारे में गोपनीय जानकारियां, उसका स्वभाव, उसके गुण-अवगुण, उसकी जेनेटिक बीमारियां, उसकी वंश-बेल आदि तमाम बातें पता लगाई जा सकती हैं।
नेताओं को डीएनए से क्या डर?
किसी नेता के डीएनए से किस तरह राजनीतिक फायदा उठाया जा सकता है? इस पर एक्सपर्ट्स में आमराय नहीं है। एक खबर के मुताबिक, फ्लोरिडा के जेनेटिक एक्सपर्ट हॉवर्ड मैक्लॉड कहते हैं कि डीएनए से किसी इंसान का क्लोन तैयार करना तो अभी तक सिर्फ फिल्मों तक सीमित है, लेकिन इसके जरिए ये पता लगाया जा सकता है कि किसी को बीमारियों का कितना खतरा है. वह व्यक्ति मूलरूप से कहां से ताल्लुक रखता है. ये सब किसी के लिए काम की चीजें हो सकती हैं. डीएनए प्राइवेसी पर कई किताबें लिख चुके जॉर्ज एनास कहते हैं कि डीएनए कोई जादू नहीं है. ये आपके बारे में कई जानकारियां देता है लेकिन ऐसा कुछ नहीं बताता कि आप किसी का मर्डर कैसे कर सकते हैं. लेकिन इतिहास गवाह है कि रूस निजी जानकारियां लीक करने की धमकी देकर ब्लैकमेल करने की कोशिशों के लिए बदनाम रहा है।
DNA नीलामी की धमकी दी थी
वैसे भी इन दिनों यूक्रेन का संकट चल रहा है. रूस ने यूक्रेन के चारों तरफ सेना तैनात कर रखी है. वह यूक्रेन के पीछे खड़े नाटो देशों को अपने हितों के खिलाफ मानता है. फ्रांस और जर्मनी नाटो का हिस्सा हैं. इस लिहाज से भी इन देशों के नेता अतिरिक्त सतर्कता बरत रहे हैं. वो संभवतः इस बात को लेकर आशंकित होंगे कि उनका डीएनए किसी खतरनाक इरादे वाले शख्स के हाथ न लग जाए। एक रिपोर्ट बताती है कि कुछ साल पहले अर्नेस्ट प्रोजेक्ट नाम के एक अनाम संगठन ने ये दावा करके चौंका दिया था कि उसने दावोस समिट में शामिल हुए वर्ल्ड नेताओं के डीएनए हासिल कर लिए हैं और अब वो उन्हें नीलाम करने जा रहा है. हालांकि ऐसा अब तक नहीं हो सका है, लेकिन बड़े नेता कोई रिस्क नहीं लेना चाहेंगे इसीलिए उन्होंने रूस में कोविड टेस्ट कराने से इनकार कर दिया है।
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