भोपाल। कुछ साल पहले मेडिकल भर्ती परिक्षाओं (medical recruitment exams) में धांधली और कई चयनित अभ्यर्थियों की संदिग्ध मौतों के बाद सुर्खियों में आए व्यापमं (व्यावसायिक परीक्षा मंडल) का नाम एक बार फिर से बदलने जा रहा है। शिवराज कैबिनेट (shivraj cabinet) ने इसका नया नाम ‘कर्मचारी चयन बोर्ड’ करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। कर्मचारी चयन बोर्ड अब सामान्य प्रशासन विभाग के अंतर्गत काम करेगा।
मध्यप्रदेश में शिक्षा जगत के सबसे बड़े व्यापम महा घोटाले (Vyapam Maha Scam) के दाग मिटाने की कोशिश जारी है। पहले व्यापम का नाम बदलकर पीईबी किया गया और अब इस नाम को भी बदल दिया गया। अब इसका नया नाम मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग कहलाएगा। शिवराज कैबिनेट की भोपाल में हुई बैठक में कई अहम प्रस्तावों को हरी झंडी दी गयी। इस बैठक के बाद ब्रीफिंग करते हुए गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा (Home Minister Narottam Mishra) ने बताया PEB का नाम मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन (Madhya Pradesh Staff Selection) आयोग होगा। अभी यह सामान्य प्रशासन के अंतर्गत कार्य करेगा।
तकनीकी शिक्षा बोर्ड में उपाध्यक्ष का पद अशासकीय व्यक्ति को देने का निर्णय लिया। कैबिनेट ने MP स्टार्टअप नीति 2022 को भी मंजूरी दे दी। घुड़सवार फराज खान को जर्मनी में ट्रेनिंग के लिए सरकार 50 लाख रुपये देगी। शिवराज सरकार में सबसे पहले व्यापम घोटाले की जांच इंदौर क्राइम ब्रांच ने शुरू की थी। 2013 में व्यापम घोटाले में FIR दर्ज होने के बाद सरकार ने STF को जांच सौंप दी थी। तब STF के तत्कालीन अफसरों ने 21 नवंबर 2014 को विज्ञप्ति जारी कर लोगों से नाम या गुमनाम सूचनाएं आमंत्रित की थीं।
इसमें 1357 शिकायतें मिली थीं। इसमें से 307 शिकायतों की जांच कर 79 FIR दर्ज की गई थीं। 1050 शिकायतों में से 530 जिला पुलिस के पास जांच के लिए भेजी गईं और 197 शिकायतें STF के पास ही थीं। बाकी 323 शिकायतों को नस्तीबद्ध कर दिया, जिसमें गुमनाम होने को आधार बनाया गया था। इन्हीं 197 शिकायतों की जांच STF ने कांग्रेस सरकार में दोबारा शुरू की थी।
बता दे की नर्मदा एक्सप्रेस वे (Narmada Expressway) का प्रस्ताव केंद्र सरकार (Central government) को भेजा जाएगा। इस वे से भोपाल-इंदौर समेत 7 जिले जुड़ेंगे। ये भोपाल से शुरू होकर औबेदुल्लागंज, बुदनी, नसरुल्लागंज, डिंडोरी, जबलपुर, संदलपुर करनावद, इंदौर, धार, सरदारपुर से झाबुआ जिले में गुजरात सीमा तक बनेगा। मध्यप्रदेश की आर्थिक गतिविधियों में तेजी लाने के लिए राज्य सरकार नर्मदा एक्सप्रेस-वे को फीडर रूट्स के जरिये प्रदेश के भोपाल, इंदौर समेत सात जिलों को जोड़ने जा रही है। PEB का नाम कर्मचारी चयन आयोग करने पर सियासत शुरू हो गई है।
शुक्रवार को कांग्रेस प्रवक्ता अजय सिंह यादव (Congress spokesperson Ajay Singh Yadav) ने कहा कि व्यापमं का नाम बदलने से भाजपा के पाप नहीं धुलेंगे। यादव ने कहा कि व्यापमं के माध्यम से एक पीढ़ी का भविष्य बर्बाद किया गया। फिर घोटलों को छिपाने के लिए सैकड़ों लोगों की संदिग्ध मौत हुई। पहले से राज्य सेवा आयोग होते हुए चयन बोर्ड बनाना यह एक अवैधानिक प्रक्रिया (illegal process) है। भाजपा सरकार भ्रष्टाचार करने के लिए नए-नए तरीके ढूंढ रही है। व्यापमं का नाम बदलकर चयन बोर्ड किया जा रहा है ताकि भाजपा सरकार नियुक्तियों में भ्रष्टाचार कर सके।
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