नई दिल्ली। इस समय पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव (Assembly elections) के लिए प्रत्याशी अपना प्रचारा प्रसार करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे है। एक तरफ जहां नेता बयानबाजी (leader rhetoric) कर रहे हैं तो वहीं एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाने से भी नहीं चूक रहे हैं। यही कारण है कि राजनीतिक उठापठक (political upheaval) के बीच चुनाव जीतने के लिए राजनीतिक दलों ने पूरी ताकत झोंक दी है। नेताओं के दल बदलने का सिलसिला भी जारी है। इन सबके साथ राजनीतिक नेताओं की बयानबाजी के बीच में अब तो अधिकारी भी फंसते नजरी आ रहे हैं।
आपको बता दें कि पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए कवि कुमार विश्वास (Kumar Viswas) का नाम इन दिनों पंजाब की राजनीति में खूब गुंज रहा है। उन्होंने हाल के दिनों में दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के खिलाफ सनसनीखेज आरोप लगाए थे। इस पूरे सियासी विवाद के लपेटे में पंजाब के अतिरिक्त मुख्य चुनाव अधिकारी डीपीएस खरबंदा भी आ गए हैं। उन्होंने कुमार विश्वास के बयान को राजनीतिक दलों और मीडिया घरानों को वीडियो क्लिप (Kumar Viswas Video Clip) नहीं चलाने के लिए आदेश जारी किया था। जिसे पंजाब सीईओ कार्यालय ने घंटों के भीतर ही वापस ले लिया था।
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार चुनाव आयोग की जानकारी के बिना अतिरिक्त सीईओ ने यह आदेश जारी किया था। कथित तौर पर राज्य के सीईओ द्वारा भी इस आदेश को अनुमोदित नहीं किया गया था। चुनाव आयोग ने मामले को गंभीरता से लिया है। पत्र जारी करने वाले अतिरिक्त सीईओ के खिलाफ कार्रवाई कर सकता है।
बता दें कि यह मामला उस समय सुर्खियों में आया जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने गुरुवार को पंजाब Punjab elections की एक रैली में कुमार विश्वास के बयान का सहारा लेकर अरविंद केजरीवाल पर खूब हमला किया। प्रधानमंत्री ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, “ये लोग पंजाब और देश को तोड़ना चाहते हैं। ये सत्ता पाने के लिए अलगाववादियों से हाथ मिलाने को तैयार हैं। उनका एजेंडा देश के दुश्मनों और पाकिस्तान के एजेंडे से अलग नहीं है।”
पंजाब के अतिरिक्त सीईओ खरबंदा (Punjab Additional CEO Kharbanda) ने आप से शिकायत मिलने के बाद यह आदेश जारी किया था। अपने आदेश में उन्होंने कहा कि राज्य स्तरीय मीडिया प्रमाणन और निगरानी समिति (MCMC)) द्वारा कुमार विश्वास के साक्षात्कार का उपयोग करने से राजनीतिक दलों को रोक दिया था। कुमार ने दावा किया था कि केजरीवाल ने एक बार उन्हें कहा था कि वह या तो पंजाब के मुख्यमंत्री बनेंगे या एक स्वतंत्र राष्ट्र (Khalistan) के प्रधानमंत्री बनेंगे। पत्र में पंजाब के सभी राजनीतिक दलों से यह कहते हुए क्लिप चलाना बंद करने को कहा गया है कि यह आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है।
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