कुशीनगर। उत्तर प्रदेश (UP) के कुशीनगर जिले के नेबुआ नौरंगिया थाना क्षेत्र (Nebua Naurangiya police station area of Kushinagar district) के ग्राम नौरंगिया में बुधवार देर रात को हल्दी की रस्म में के दौरान कुएं में गिरकर जान गंवाने वाले 13 लोगों के शव पोस्टमार्टम के बाद गुरुवार दोपहर को गांव पहुंचे तो परिजनों की चीख-पुकार से क्षेत्र दहल उठा। एक साथ 13 अर्थियां उठीं।
बता दें कि इस हादसे के बाद अपनों को तलाशने के लिए लोग इधर उधर भटक रहे कि जैसे भी हो जिदंगी बच जाए, लेकिन कुंए में पानी भरा होने के कारण सब बेवश थे, हालांकि जैसे-जैसे पानी कम होता गया बेटे सत्यम की तलाश में मुनीब कुएं में नीचे उतरते गए। उन्होंने सीढ़ी पर चढ़कर रस्सी के सहारे कुएं में गिरे सभी 23 लोगों को बाहर निकाल लिया। बताया जा रहा है कि इनमें से 10 लोग ऐसे थे जिन्हें तत्काल नहीं निकाला जाता तो जान बचनी मुश्किल थी। कुशीनगर हादसे के गम में डूबे मनीब की आज हर तरफ प्रशंसा हो रही है।
कुशीनगर के नौरंगिया गांव के रहने वाले मुनीब कुशवाहा (उम्र 45 वर्ष) के साले नेबुआ नौरंगिया थाना क्षेत्र के कुकुरहा गांव निवासी भीम सिंह कुशवाहा उत्तराखंड के उधम सिंह नगर में एसडीएम के पद पर तैनात हैं। बुधवार की काली रात को ही भीम सिंह के रिश्तेदार रामकोला थाना क्षेत्र के रघ्घु छपरा के प्रधान लालसाहब के यहां से बारात नेबुआ नौरंगिया थाना क्षेत्र के विजयी छपरा गांव में आयी थी। इस बारात में शरीक होने मुनीब भी गए थे। घर लौटते समय मुनीब ने कुएं के पास लोगों में भगदड़ देखा, जिसे नजरअंदाज करते हुए वह बाइक से अपने घर पहुंच गए। घर जाने पर परिजनों से पता चला कि कुछ लोग कुएं में गिर गये हैं और उसका बेटा सत्यम भी घर पर नहीं है। इस पर मुनीब बेचैन होकर घर से लेकर कुएं तक दो बार गए लेकिन सत्यम का पता नहीं चला। इसके बाद तो वह जिंदगियों को बचाने के लिए फरिश्ता ही बन गए। वह कपड़े निकाल बेटे सत्यम की तलाश में कुएं में उतर गए। इसके पहले लोग कुएं से पानी निकालने के लिए गांव में उपलब्ध पानी के छह टैंकर लगा रखे थे। जैसे-जैसे पानी कम होता गया मुनीब भी कुएं के नीचे उतरते गए। उन्होंने सीढ़ी पर चढ़कर रस्सी के सहारे कुएं में गिरे सभी 23 लोगों को बाहर निकाल लिया। जिनकी जान बच गई।
एक साथ परी पुत्री अजय चौरसिया उम्र डेढ़ वर्ष, मीरा पुत्री सुग्रीव विश्वकर्मा 22 वर्ष, सुंदरी पुत्री प्रमोद कुशवाहा 09 वर्ष, राधिका पुत्री महेश कुशवाहा 20 वर्ष, मन्नू पुत्री श्रवण विश्वकर्मा 12, पूजा यादव पुत्री बलवंत यादव 20 वर्ष, शशिकला चौरसिया पुत्री मदन 16 वर्ष, ज्योति चौरसिया पुत्री राम बड़ाई 15 वर्ष, पूजा चौरसिया पुत्र राम बड़ाई 17 वर्ष, ममता पत्नी रमेश चौरसिया 35 वर्ष, शकुंतला पत्नी भोला 34 वर्ष, बृंदा पुत्री मंगरू 20 वर्ष, आरती पुत्री इंद्रजीत चौरसिया 07 वर्ष की अर्थियां निकलीं तो प्रशासनिक अधिकारियों और स्थानीय समेत वहां मौजूद सभी लोगों की आंखें नम हो गईं।
घटना की प्रत्यक्षदर्शी महिलाओं का कहना था कि घटना के बाद गांव में चीख पुकार मच गई। परिजन अपनों को खोजने में लग गए। महिलाओं का कहना था कि इस बात का अंदाजा नहीं था कि स्लैब टूट जाएगा। कुछ लोगों ने महिलाओं को कुएं के स्लैब पर चढ़ने से मना भी किया, लेकिन लोग डांस के आगे कुछ भी सुनने को तैयार नहीं थे।
परिजनों ने शादी टाल दी है। गुरुवार को बारात जानी थी। दूल्हे के पिता परमेश्वर का कहना है कि हमने शादी रोक दी है। अगर लोगों की राय होगी तो शादी के लिए केवल लड़का को भेजकर रस्म करा दी जाएगी।
खाना खिलाने की हो रही थी तैयारी, तभी हुआ हादसा
परिजनों का कहना है कि महिलाएं मटकोड़ (शादी की एक रस्म) में व्यस्त थीं तो पुरुष सदस्य खाना खिलाने की तैयारी में लगे थे। इसी बीच कुएं में महिलाओं के गिरने की खबर से हर कोई उस तरफ दौड़ पड़ा। लोगों को समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करें। इसी बीच कुछ नौजवान लड़के रस्सी के सहारे कुएं में उतर गए और महिलाओं व बच्चियों को निकालना शुरू कर दिया। नौ बजे के लगभग अचानक कुएं का स्लैब भरभरा कर गिर गया और महिलाएं कुएं में गिर गईं। तुरंत हंगामा शुरू हो गया और पूरा गांव बचाव में जुट गया। दलबल के साथ पुलिस एवं प्रशासन के अधिकारी रेस्क्यू में जुट गए। पूरा गांव रस्सी और सीढ़ियों के सहारे लोगों को बाहर निकालने की कोशिश करने लगा। इसके पहले लगभग 9 टैंकर पानी बाहर निकाला गया।