भोपाल । जनवरी में ओलावृष्टि और वर्षा से खरीफ फसल को पहुंचे नुकसान की भरपाई मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार ने की। गुरुवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान नेे सिंगल क्लिक के माध्यम से एक लाख 71 हजार से ज्यादा किसानों के खातों में दो सौ करोड़ रुपये से अधिक की राहत राशि जमा करई। ओलावृष्टि से एक लाख 61 हजार हेक्टेयर में लगी फसल प्रभावित हुई थी। सीएम ने किसानों से बात भी की। राजस्व विभाग के अधिकारियों ने बताया कि छह से दस जनवरी के बीच प्रदेश के 25 जिलों में ओलावृष्टि और वर्षा से खरीफ फसलों को नुकसान पहुंचा था। सरकार ने किसानों को राहत पहुंचाने के लिए फसलों को हुई क्षति का राजस्व, कृषि और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के कर्मचारियों का संयुक्त दल बनाकर सर्वे कराया था।
एक हजार से अधिक ग्रामों में हुई थी ओलावृष्टि
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के 1074 ग्रामों में ओलावृष्टि से और असामयिक वर्षा से एक लाख 34 हजार 19 हेक्टेयर क्षेत्र में फसलों को क्षति हुई थी। प्रभावित जिलों में रायसेन, राजगढ़, विदिशा, भिण्ड, ग्वालियर, अशोकनगर, शिवपुरी, दतिया, गुना, धार, झाबुआ, बालाघाट, छिंदवाड़ा, मण्डला, सिवनी, बैतूल, हरदा, सतना, सागर, टीकमगढ़, निवाड़ी, उज्जैन, मंदसौर, नीमच, रतलाम और खण्डवा शामिल हैं। जिलेवार राहत राशि प्रभावितों को देने का कार्य प्राथमिकता से किया गया।
ओले धरती पर नहीं मानो सीने पर गिरे हों
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब असमय वर्षा और ओलावृष्टि हुई, तब यही अनुभूति हुई थी कि ओले धरती पर या खेतों पर नहीं गिरे मानो उनके सीने पर गिरे हों। ऐसी घटनाएँ विचलित करती हैं। किसानों को राहत देने के लिए तत्काल प्रभावित क्षेत्रों में जाकर क्षति का जायजा लेने और सर्वे का कार्य किया गया। सर्वे कार्य भी ईमानदारी से हुआ। किसान भी इस प्रक्रिया से संतुष्ट रहे। गत सप्ताह खरीफ 2020 और रबी 2021 के लिए 45 लाख से अधिक किसानों के खातों में बीमा राशि का भुगतान भी कर दिया गया है। फसल बीमा दावा के भुगतान की कुल 7 हजार 669 करोड़ राशि में से अब तक 5 हजार 660 करोड़ रूपए की राशि का भुगतान किया जा चुका है। आज भुगतान की गई राशि एक हजार 665 करोड़ है। शेष 844 करोड़ रूपए की राशि का भुगतान भी आगामी दो दिन में किया जा रहा है। किसानों को चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है। किसानों के हित के लिए इसी तत्परता से कार्य होंगे।
अन्नदाता को कोरोना काल में भी मिली भरपूर राहत
मुख्यमंत्री ने कहा कि करीब दो वर्ष पूर्व कोरोना का आगमन हुआ था। पहली और दूसरी लहर में किसानों के माथे से चिंता की लकीर मिटाते हुए राज्य सरकार ने गेहूँ और धान का रिकार्ड उपार्जन कर किसानों को राशि का भुगतान किया। पहली लहर में विपरीत परिस्थितियों के बाद भी एक करोड़ 29 लाख 42 हजार मीट्रिक टन गेहूँ का उपार्जन किया गया। दूसरी लहर में संक्रमण की रोकथाम के उपायों के साथ पुन: एक करोड़ 28 लाख 15 हजार मीट्रिक टन गेहूँ के साथ ही 45 लाख 85 हजार मीट्रिक टन धान का उपार्जन हुआ। प्रदेश के 17 लाख 16 हजार किसानों से गेहूँ और 6 लाख 61 हजार किसानों से धान खरीदा गया। किसानों को उपार्जित अनाज की राशि का भुगतान प्राथमिकता से किया गया। कोरोना काल में समय पर राशि का भुगतान हो जाने से किसानों को प्रत्यक्ष रूप से राहत मिली।
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