– मंत्री सिलावट ने किया ट्रेंचिंग ग्राउंड पर तैयार किए गए बायो सीएनजी प्लांट का निरीक्षण
इंदौर। इंदौर (Indore) ने देश भर में स्वच्छता के क्षेत्र में अपना परचम लहराया है। अब यह शहर एक और उपलब्धि हासिल करने जा रहा है। आगामी 19 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) इंदौर शहर में निर्मित किए गए एशिया के सबसे बड़े बायो सीएनजी प्लांट (Asia’s largest Bio CNG plant) का वर्चुअल लोकार्पण (Virtual inauguration) करेंगे। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम की तैयारियों का जायजा लेने के लिए प्रदेश के जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट अन्य जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के साथ शहर के ट्रेंचिंग ग्राउंड पहुंचे।
मंत्री सिलावट ने बुधवार को आईडीए के पूर्व अध्यक्ष मधु वर्मा, गौरव रणदिवे, पुलिस कमिश्नर हरिनारायण चारी मिश्रा, संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा, कलेक्टर मनीष सिंह, नगर निगम आयुक्त प्रतिभा पाल के साथ ट्रेंचिंग ग्राउंड पहुंचकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। इस दौरान अपर आयुक्त नगर निगम भव्या मित्तल, जिला पंचायत सीईओ वंदना शर्मा, समस्त अपर कलेक्टर, एसडीएम एवं अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
मंत्री सिलावट ने बायो सीएनजी प्लांट का निरीक्षण किया तथा कार्यक्रम के लिए की जा रही व्यवस्थाओं के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों ने गीले कचरे की प्रोसेसिंग यूनिट का भी अवलोकन किया।
कार्यक्रम में 20 राज्यों के मिशन डायरेक्टर होंगे शामिल
कलेक्टर मनीष सिंह ने बताया कि कार्यक्रम में देश के 20 राज्यों से स्वच्छ भारत मिशन के मिशन डायरेक्टर शामिल होंगे तथा केंद्र सरकार एवं अन्य राज्यों के अधिकारी भी इस कार्यक्रम में उपस्थित रहेंगे। यह सभी अधिकारी इंदौर शहर के अन्य स्थानों का भ्रमण कर स्वच्छता के क्षेत्र में किए जा रहे विशेष कार्यों का जायजा भी लेंगे।
कलेक्टर ने बताया कि लोकार्पण कार्यक्रम में सम्मिलित होने वाले लोगों को आने-जाने में दिक्कत न हो, इसलिए आवागमन की सुविधा का पूर्ण ध्यान रखा जा रहा है। विशेष तौर पर स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने स्वच्छता के क्षेत्र में बस्तियों एवं दूरस्थ क्षेत्रों में महती भूमिका निभाई है। उनको भी इस कार्यक्रम में सम्मिलित करने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि सामाजिक संगठन, व्यापारी संगठन एवं अन्य गणमान्य नागरिकजन के सहयोग से इंदौर ने स्वच्छता में देश भर में अपना परचम लहराया है, वे सभी इस कार्यक्रम में शामिल होंगे।
कलेक्टर मनीष सिंह ने बताया कि इस बायो सीएनजी प्लांट की विशेषता यह है कि इससे उत्पन्न गैस में मेथेन गैस 96 प्रतिशत प्योरिटी में पाई गई है। इससे न केवल कैलोरिफिक वैल्यू अच्छी होगी, बल्कि बायो सीएनजी की इफेक्टिवनेस भी बढ़ेगी। उन्होंने बताया कि यह प्लांट पीपीपी मोड पर बना है, जिससे इंदौर नगर निगम को प्रतिवर्ष 2.5 करोड़ रुपये का रेवेन्यू प्राप्त होगा। उन्होंने कहा कि एक समय में गीला कचरा जो सभी के लिए एक परेशानी था आज इंदौर के लिए एक उपलब्धि बन गया है जिसके कारण आज बायो सीएनजी प्लांट के रूप में यह सौगात शहर को मिली है।
शत-प्रतिशत गीले वेस्ट से संचालित होगा बायो सीएनजी प्लांट
नगर निगम आयुक्त प्रतिभा पाल ने बताया कि यह बायो सीएनजी प्लांट 100 प्रतिशत गीले वेस्ट से संचालित होगा। यह उपलब्धि इंदौर शहर को केवल यहां के नागरिकों के अनुशासन और दृढ़ संकल्प के कारण प्राप्त हुई है। उन्होंने बताया कि जिस कंपनी द्वारा यह बायो सीएनजी प्लांट स्थापित किया जा रहा है, उसके सर्वे में पाया गया था कि इंदौर से प्राप्त कचड़े के सैंपल में 99 प्रतिशत से अधिक सेग्रीगेशन प्योरिटी पाई गई है, जो देश के अन्य किसी राज्य से लिए गए सैंपल में नहीं पाई गई। उन्होंने बताया कि बायो सीएनजी प्लांट से उत्पन्न 18 हजार केजी गैस से प्रतिदिन 400 बसें संचालित हो सकेंगी, जिससे न केवल पर्यावरण संरक्षण में सहयोग मिलेगा बल्कि वायु की गुणवत्ता में भी सुधार आएगा। (एजेंसी, हि.स.)
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