इंदौर। रूस और यूक्रेन (Ukraine) में तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। इस तनाव के बीच युद्ध की आशंका (fear of war) और भी गहरा रही है। ऐसे में भारत समेत लगभग सभी देशों ने अपने नागरिकों और छात्रों को यूक्रेन से वापस लौटने की एडवाइजरी जारी कर चुके है। बता दें कि वहां करीब 20 हजार भारतीय बच्चे पढ़ रहे हैं। इनमें मध्यप्रदेश के इंदौर (Indore of Madhya Pradesh) के भी 60 स्टूडेंट्स शामिल हैं। जिनके परिजन भारत सरकार से सुरक्षित वापसी की मांग कर रहे है।
इंदौर के लोकसभा सांसद शंकर लालवानी (Lok Sabha MP Shankar Lalwani) ने बुधवार को ‘‘पीटीआई-भाषा’’ को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया, ‘‘पिछले दो-तीन दिन में इंदौर के करीब 25 लोगों ने मुझसे संपर्क कर मुझे बताया है कि यूक्रेन में पढ़ रही उनकी संतानें वहां फंसी हुई हैं। रूस के आक्रमण के खतरे के चलते ये विद्यार्थी जल्द से जल्द अपने घर लौटना चाहते हैं।’’ जानकारी के मुताबिक लालवानी ने कहा कि वह विदेश मंत्रालय के माध्यम से इन छात्रों की मदद करने की कोशिश कर रहे हैं और इस संबंध में विदेश मंत्री एस जयशंकर को एक पत्र लिखा है।
विशेष रूप से, भारत ने मंगलवार को यूक्रेन में अपने नागरिकों को पूर्वी यूरोपीय राष्ट्र को लेकर रूस और नाटो देशों के बीच बढ़ते तनाव के बीच अस्थायी रूप से उस देश को छोड़ने की सलाह दी। भारतीय दूतावास (Indian Embassy) ने भारतीय नागरिकों से यूक्रेन और उसके भीतर सभी गैर-जरूरी यात्रा से बचने के लिए कहा।
इसके साथ ही इंदौर के डॉ अखिलेश राव (Dr. Akhilesh Rao) ने सांसद शंकर लालवानी से बेटो को सुरक्षित भारत लाने के लिए संपर्क किया है। उन्होंने सांसद के माध्यम से केंद्र सरकार से बच्चों की सुरक्षा की गुहार लगाई है। अखिलेश राव ने कहा कि यूक्रेन में मौजूद भारतीय छात्र काफी डरे हुए हैं और देश लौटना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से कुछ भी जानकारी नहीं मिल पा रही है। उन्होंने कहा कि फ्लाइट का किराया भी तीन गुना से ज्यादा हो गया है। 70 हजार रुपए वाला किराया अचानक से 2 लाख से ज्यादा हो गया है। इस संकट की घड़ी में उन्होंने सरकार से मदद की गुहार लगाई है।
काफी छात्रों की उनके परिजन से फोन पर बात हुई है जिसमें उन्होंने कहा है कि फिलहाल वे सुरक्षित हैं। घर वापसी की चिंता सता रही है। हालात बिगड़ने से पहले घर लौटना चाहते हैं। यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे शुभम जिराती (Shubham Jirati) का कहना है कि हमारे परिवार के लोग काफी चिंतित हैं। वे चाहते हैं कि यहां के हालात और खराब होने से पहले बच्चे घर लौट आएं। शुभम के पिता चतुर्भुज जिराती (chaturbhuj jirati) ने भी कहा कि बेटे की चिंता सता रही है, लेकिन भारत सरकार और दूतावास पर पूरा भरोसा है। इसी तरह महू निवासी प्रो. डीके गुप्ता का बेटा अभिनव यूक्रेन के खार्कीव स्थित नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी (National Medical University) में पढ़ाई कर रहा है। उनकी लगातार बेटे से बात हो रही है। गुप्ता ने कहा कि हमें मप्र सरकार व भारत सरकार पर पूरा भरोसा है।
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