नई दिल्ली। देश के आम से खास लोग अब LIC आईपीओ (IPO) का बेसब्री से इंतजार (eagerly waiting) कर रहे हैं. देश के अब तक के सबसे बड़े IPO के मार्च तक आने की संभावना मजबूत हो गई है. क्योंकि LIC IPO के लिए सरकार ने मार्केट रेगुलेटर सेबी (market regulator sebi) के पास DRHP जमा कर दिया है. इस दस्तावेज के जमा होने के बाद मार्च तक कंपनी 5 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की प्रक्रिया पूरी करने को तैयार है।
LIC का मेगा IPO आने के बाद मार्केट कैप में ये रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) को पीछे छोड़कर देश की सबसे बड़ी कंपनी बन जाएगी. IPO को लेकर SEBI में जमा दस्तावेजों के मुताबिक सरकार 31 करोड़ इक्विटी शेयर के जरिए अपनी 5 फीसदी हिस्सेदारी बेचेगी. इस समय सरकार की LIC में 100 फीसदी हिस्सेदारी है।
डिपार्टमेंट ऑफ इन्वेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट यानी DIPAM के सचिव तुहिन कांता पांडेय ने ट्वीट करके बताया कि LIC के IPO के लिए ड्राफ्ट रेड हेयरिंग प्रॉस्पेक्टस यानी DRHP दाखिल कर दिया है. DRHP वो ड्राफ्ट पेपर होता है, जो IPO लाने से पहले कंपनी की तरफ से सेबी में दिया जाता है. इसमें कंपनी की पूरी डीटेल के अलावा बताया जाता है कि IPO के जरिए वो कितनी हिस्सेदारी या शेयर बेचेगी और कंपनी IPO से जुटाई जाने वाली रकम का इस्तेमाल कहां करेगी।
1. LIC पॉलिसीधारकों में ‘डिस्काउंट’ से उत्साह की उम्मीद
देश के इस सबसे बड़े IPO के लिए सरकार ने पॉलिसीधारकों के लिए भी हिस्सा रिजर्व किया है. LIC के IPO में 10 फीसदी हिस्सा पॉलिसीधारकों के लिए रिजर्व होगा. माना जा रहा है कि आम निवेशकों को IPO में शेयर के भाव में 5 फीसद का डिस्काउंट भी मिल सकता है. ऐसे में पॉलिसीधारकों IPO को उत्साह देखने को मिल सकता है. इसी तरह एंकर निवेशकों के लिए भी IPO में हिस्सा रिजर्व रखा गया है।
2. शेयर बाजार में निवेशकों की संख्या तेजी बढ़ेगी, बाजार में तेजी संभव
LIC दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा इंश्योरेंस ब्रांड है. भारत में LIC की करीब 29 करोड़ पॉलिसीज हैं, जिनमें कुछ लोगों के पास एक से ज्यादा पॉलिसीज भी हैं. ऐसे में अनुमान है कुल पॉलिसीधारकों की संख्या 20 से 25 करोड़ के बीच हो सकती है. ऐसे में जानकारों का मानना है कि इस भारी-भरकम IPO से बाजार में निवेशकों की संख्या तेजी से बढ़ेगी. साथ ही इसका असर बाजार पर पॉजिटिव दिख सकता है. रिटेल निवेशकों की भी बाजार में एंट्री होगी।
3. विनिवेश का लक्ष्य भी होगा आसानी से हासिल
सरकार LIC के विनिवेश या शेयर बिक्री से अपने विनिवेश लक्ष्य के नजदीक पहुंचना चाहती है. पिछले साल सरकार ने 2021-22 के लिए पौने 2 लाख करोड़ का विनिवेश लक्ष्य रखा था. लेकिन हालिया बजट में इसे घटाकर 78 हज़ार करोड़ रुपये कर दिया गया है. हालांकि अभी तक सरकार को विनिवेश से करीब 12 हजार करोड़ रुपये ही मिले हैं. ऐसे में 31 मार्च तक विनिवेश लक्ष्य हासिल करने के लिए सरकार को 66 हजार करोड़ रुपये जुटाने होंगे. सरकार को उम्मीद है कि ये लक्ष्य LIC के सफल IPO के सहारे ही पूरा हो सकता है।
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