- हाईकोर्ट ने जाहिर की चिंता ,भविष्य के मद्देनजर युवती की कांउसिंलिग के निर्देश
जबलपुर। बंदी प्रत्यक्षिकरण याचिका की सुनवाई के दौरान वीडियों क्रांफेसिंग के माध्यम से उपस्थित युवती ने हाईकोर्ट जस्टिस शील नागू व जस्टिस सुशीला यादव को बताया कि उसे मर्जी के खिलाफ नारी निकेतन में जबरदस्ती रखा गया है। वह याचिकाकर्ता से प्रेम करती है और वह अपना धर्म परिवर्तन कर उससे शादी करेगा। युगलपीठ ने पाया कि युवती की उम्र महज 19 साल है और भविष्य के संबंध में उसे विचार करना चाहिए। शादी के निर्णय में जल्दबाजी पर पुन: विचार करने के लिए तीन दिन का समय प्रदान करते हुए याचिका पर अगली सुनवाई 17 फरवरी को निर्धारित की गयी है। उल्लेखनीय है कि यह बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका इटारसी निवासी फैजल खान की ओर से दायर की गई है। जिसमें कहा गया है कि उसकी प्रेमिका जो हिन्दु धर्म से है, उसे जबरजस्ती नारी निकेतन में रखा गया है। वह एक दूसरे से प्रेम करते है और युवती की उम्र 19 वर्ष है। वह पूरी तरह से बालिग है और जनवरी के पहले सप्ताह में वह अपना घर छोड़कर उसके साथ रहने लगी थी। लापता होने की रिपोर्ट युवती के पिता ने पुलिस में दर्ज कराई थी।
जिसके बाद दोनो ने थाने में उपस्थित होकर बताया था कि वह स्वैच्छा से एक दूसरे के साथ रहना चाहते है। पुलिस में बयान दर्ज करवाने के बाद वह भोपाल आकर रहने लगे थे। इटारसी पुलिस ने फरवरी माह के पहले सप्ताह में एसडीएम के समक्ष वयान दर्ज करवाने के लिए उन्हें बुलाया था। एसडीएम के समक्ष बयान दर्ज करवाने के बाद पुलिस ने बिना किसी आदेश के जबदजस्ती युवती को नारी निकेतन भेज दिया था। जिसके खिलाफ उक्त बंदी प्रत्यक्षिकरण याचिका दायर की गयी है। याचिका पर पूर्व में हुई सुनवाई के दौरान युगलपीठ ने युवती को वीडियों कांफ्रेसिंग के माध्यम से उपस्थित करने के निर्देश जारी किये थे। याचिका पर सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान युवती न्यायालय के समक्ष उपस्थित हुई। युवती ने युगलपीठ को बताया कि उसे जबरदस्ती नारी निकेतन में रखा गया है। वह अपनी मर्जी से याचिकाकर्ता के साथ थी और वह हिन्दु धर्म अपनाकर उसके साथ शादी करेगा। महज 19 साल की उम्र में शादी के लिए जल्दबाजी पर युगलपीठ ने युवती को पुन: विचार करने समय प्रदान किया है। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता मोहम्मद रिजवान खान ने पैरवी की।