– यूके जाने के लिए 50 फीसदी परिवार कर रहे वीजा के लिए आवेदन
– यूरोपियन कंट्री के लिए टूरिस्ट वीजा की मांग पहुंची 90 प्रतिशत
इंदौर। कोरोना (corona) की तीसरी लहर (third wave) का जोर कम होते ही कई देशों (countries) ने बाहरी लोगों के लिए अपने द्वार खोल दिए हैं। अंतरराष्ट्रीय उड़ानें (international flights) भी सामान्य होने की ओर हैं। ऐसे में इंदौर से यूके (uk) और यूरोपियन देशों (european countries) में सफर करने के लिए वीजा लेने वालों की तादाद में भी इजाफा हुआ है। यूरोपियन देशों के लिए टूरिस्ट वीजा तो यूके के वीजा के लिए परिवार ज्यादा पहुंच रहे हैं। इंदौर में इसी महीने यूके और यूरोपियन कंट्री के लिए तीन से ज्यादा वीजा कैंप (visa camp) आयोजित हो चुके हैं।
एक बार फिर ट्रेवल इंडस्ट्री (travel industry) रफ्तार पकडऩे की ओर है। यूके ने दूसरी लहर (econd wave) के बाद ही स्टूडेंट्स के लिए वीजा प्रक्रिया शुरू कर दी थी। अब तीसरी लहर का जोर खत्म होते ही कई देशों ने अपने नियमों में छूट देने के साथ ही लोगों को राहत दी है। ऐसे में वहीं बसे परिवार भारत से अपनों को बुला रहे हैं। इसी महीने की शुरुआत से लेकर अब तक शहर में तीन से ज्यादा वीजा कैंप (visa camp) आयोजित हो चुके हैं, जिनमें सैकड़ों लोग यूके और यूरोपियन देशों के वीजा के लिए आवेदन दे चुके हैं। आमतौर पर शहर में एक ही महीने में दो कैंप लगाए जाते हैं, लेकिन इस महीने मांग होने के कारण 24 फरवरी को तीसरा कैंप भी लगाया जा रहा है, जिसमें यूके के वीजा के लिए प्रक्रिया की जाएगी।
50 फीसदी परिवार पहुंच रहे
यूके के वीजा कैंप (visa camp) में 50 फीसदी वे लोग हैं, जो भारत से यूके में बसे अपने परिवार (family) से मिलने जाना चाहते हैं। अधिकतर परिवार दो साल से अपनों से मिलने न तो यहां आ पाए, न यहां से उनका परिवार उन्हें मिलने वहां जा पाया। ऐसे में इसी महीने आयोजित दो कैंप में कई ऐसे लोग पहुंचे, जिन्होंने अपने बच्चों से मिलने जाने के लिए वीजा अप्लाय किया, वहीं इन कैंप में 50 फीसदी वे हैं, जो टूरिस्ट वीजा लेना चाहते हैं। दूसरी ओर यूरोपियन देशों की बात करें तो जो लोग विदेश घूमना पसंद करते थे, वो एकाएक यूरोपियन देशों के टूरिस्ट वीजा की मांग कर रहे हैं। यूरोपियन देशों के लिए इंदौर से टूरिस्ट वीजा की मांग करने वाले 90 फीसदी लोग हैं।
50 फीसदी परिवार पहुंच रहे
पहले इन देशों के लिए वीजा पाने के लिए मेट्रो सिटी का चक्कर लगाना होता था, लेकिन पिछले कुछ सालों से इंदौर में ही इन देशों के वीजा के लिए वीएफएस (वीजा फैसिलिटिंग सर्विसेस) मिलने लगी है। इंदौर के ट्रेवल एजेंट्स के पास वीएफएस के अधिकारी आकर प्रक्रिया कर जाते हैं, जिससे लोगों का मेट्रो सिटी की ओर जाने का समय और खर्च बच रहा है। ये अधिकारी अपने साथ सभी जरूरी मशीनें लेकर आते हैं और सारी प्रक्रियाएं यहीं हो जाती हैं।
स्टूडेंट्स दूसरी लहर का खतरा कम होते ही जा चुके हैं। अब टूरिस्ट वीजा और फैमिली ट्रेवल की ज्यादा मांग आ रही है। इसी महीने यूके और यूरोपियन देशों के लिए तीसरा कैंप भी आयोजित किया जा रहा है। यूके में बसे युवा अपने माता-पिता को वहां बुला रहे हैं, जिससे फैमिली वीजा का आंकड़ा 90 फीसदी तक पहुंच गया है, जो ट्रेवल इंडस्ट्री के लिए सुखद संदेश है।’ -हेमेंद्रसिंह जादौन, चेयरमैन, टाई, मप्र-छग चैप्टर
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