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    MP: जिंदा बुजुर्ग महिला को पटवारी ने दस्तावेजों में मार डाला, घर-जमीन सब पर जमा लिया अपना अधिकार

    February 14, 2022

    ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर (Gwalior of Madhya Pradesh) में 89 वर्षीय बुजुर्ग नारायणी देवी (Narayani Devi) खुद को जिंदा साबित करने के लिए न्याय की हर दहलीज पर दस्तक दे रही है, क्योंकि उनका फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र (fake death certificate) बनवा कर मकान और प्लाट के कागजों में हेराफेरी की गई फिर उनकी संपत्ति हड़पने (property grab) की बात सामने आई है इसका आरोप इलाके के पटवारी पर है। जिस ने जालसाजी (forgery) से जीवित महिला का मृत्यु प्रमाण पत्र बनाया और फिर बचत अपने नाम लिखवा ली। इस बात का खुलासा तब हुआ है जब महिला कलेक्टर ओर एसपी के सामने पहुंची ओर कहा, मैं जिंदा हूं।

    अब हैरानी की बात तो यह है कि बुजुर्ग नारायणी देवी जिंदा है वह अपने बेटे के साथ पुलिस के चक्कर लगा रही हैं। हालांकि पुलिस ने उनकी शिकायत पर रिकॉर्ड खंगालना (Scrutiny of records on complaint) शुरू कर दिया है। शहर के गोला मंदिर (City Gola Temple) इलाके में रहने वाली बुजुर्ग का एक पुश्तैनी मकान है। उस मकान में कुछ दुकानें हैं जिसका किराया भी आता है। भगवान सिंह (Bhagwan Singh) नाम के एक पटवारी ने इनका फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाया और वसीयत अपने नाम कराकर सरकारी दस्तावेजों (official documents) में हेराफेरी कर दी। फर्जीवाड़े की जानकारी नारायणी देवी को तब लगी जब इनके बेटे आनंद तोमर ने जमीन के किसी काम से संबंधित ऑनलाइन प्रमाण पत्र निकालना चाहा। जब सर्वे नंबर में अपने पुश्तैनी मकान का नंबर देखा तो उसके मालिक के आगे भगवान सिंह लिखा हुआ था। यह देख नारायणी देवी और उसके बेटे के पैरों तले जमीन खिसक गई। दोनों ही अपने कागज लेकर एसपी ऑफिस पहुंचे।


    फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र 2005 को बनवाया गया जबकि मृत्यु 2001 में बताई गई है। मृत्यु प्रमाण पत्र जारी होने के 16 साल तक पीड़ित परिवार को पता ही नहीं चला। 2011 तक उनकी संपत्ति के कागजों में कोई गड़बड़ी नहीं थी लेकिन 28 जनवरी 2022 को जब कुछ सरकारी काम के लिए उनके बेटे ने ऑनलाइन चेक किया तो पटवारी भगवान सिंह मकान मालिक बना दिखा।

    बहरहाल जिस तरह से मृत्यु प्रमाण पत्र और मकान के कागजों में हेराफेरी को गोपनीय रखा गया। उससे जाहिर होता है कि जालसाज पटवारी (fraud patwari) नारायणी देवी के मरने का इंतजार कर रहा था और उसके बाद वो संपत्ति पर अपना अधिकार जमा लेता। शिकायत के बाद पुलिस सरकारी रिकॉर्ड (government records) में जानकारी तलब कर रही है। साथ ही फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने में किसकी भूमिका रही उसकी भी जांच करेगी। हालांकि पुलिस ने अभी मामले में एफआईआर दर्ज (FIR registered) नहीं की है। पुख्ता जानकारी मिलते ही पुलिस आरोपियों पर कार्रवाई करने की बात कर रही है। क्राइम ब्रांच के एएसपी राजेश दंडोतिया (ASP Rajesh Dandotia) ने कहा है कि इस मामले की अभी जांच की जा रही है जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे उसी के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।

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