नई दिल्ली। यूक्रेन को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन (US President Biden) और रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन (Russian President Vladimir Putin) के बीच फोन पर हुई बातचीत के बाद भले ही रूस का जोश ठंडा हो गया हो, लेकिन युद्ध का खतरा अभी भी बरकरार है। यूक्रेन में भारत के 20 हजार से ज्यादा मेडिकल छात्र (medical student) फंसे हुए हैं, जो लगातार भारतीय दूतावास के संपर्क में हैं। युद्ध की स्थिति में भारतीय दूतावास देश (Indian Embassy Countries) के अलग-अलग हिस्सों में पढऩे वाले छात्रों को निकालने की योजना बना रहा है। साथ ही यूक्रेन सरकार (Ukraine government) से भी छात्रों की सलामती के लिए बात की जा रही है। हालांकि रूसी आश्वासन से युद्ध टलने की संभावनाएं बनी हैं।
ब्रिटेन ने खिंचे कदम, सेना बुलाई
रूस और अमेरिका के बीच यूक्रेन को लेकर जहां तलवार खिंची है, वहीं यूरोप के कई देश युद्ध के पक्ष में नहीं हैं। इनमें कई नाटो देश में भी शामिल है। बताया जा रहा है कि ब्रिटेन ने यूक्रेन से अपनी सेना बुला ली है। इसके पहले कनाडा, जर्मनी (Canada, Germany) सहित कई देश भी नाटो से अपनी सेना बुला चुके हैं।
युद्ध हुआ तो सोयाबीन तेल महंगा
अगर यूक्रेन को लेकर रूस और अमेरिका के नेतृत्व में नाटो सेना से युद्ध हुआ तो भारत की मुश्किलें बढऩा तय है। देश में सोयाबीन का संकट हो जाएगा। भारत में 70 ‘ तेल यूक्रेन से आयात होता है।
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