भोपाल। मप्र में वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए बिजली के दाम बढ़ाने के लिए एक बार फिर याचिका को मप्र विद्युत नियामक आयोग ने मंजूर कर लिया है। विगत 9 फरवरी को इस मामले में मप्र विद्युत नियामक आयोग ने याचिका से संबंधित प्रारंभिक जनसुवाई की थी। प्रारंभिक जनसुनवाई के पश्चात ही याचिका पर आमजन से आपत्ति मांगी जाएगी। याचिका में 3915 करोड़ रुपये का अंतर बताते हुए 8.71 फीसदी औसत दाम बढ़ाने का प्रस्ताव दिया गया है। ज्ञात हो कि 2022-23 के लिए इससे पहले दिसंबर माह में याचिका लगाई गई है। जिस पर 8 फरवरी को आयोग ने जनसुनवाई आयोजित की थी लेकिन इससे पहले ही मप्र पावर मैनेजमेंट कंपनी ने जनवरी 2022 के आखिरी में याचिका को वापस ले लिया था।याचिका में विद्युत अधिनियम 2021 के ड्राफ्ट के आधीन तैयार किया गया था जबकि याचिका दाखिल करने तक अधिनियम लागू किया जा चुका था। इसका उल्लेख याचिका में नहीं हुआ था। इस आधार पर इसे कानूनी चुनौती मिल सकती थी ऐसे में पावर मैनेजमेंट कंपनी ने याचिका वापस लेकर दोबारा इसे पेश किया है।
48 874 करोड़ की जरूरत
बिजली कंपनी ने 2022-23 के लिए 48 हजार 874 करोड़ रुपये की जरूरत बताई है। इसमें आय में करीब 3915 करोड़ रुपये की कमी बनी हुई है जिसकी भरपाई के लिए कंपनी ने बिजली की दर को बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है। वित्तीय वर्ष 2019-20 के राजस्व लक्ष्य में कंपनी को करीब दो हजार करोड़ रुपये की कम आय हुई थी। जिसे कंपनी इस साल उपभोक्ताओं से वसूलने की तैयारी में है। यदि इस राशि को अलग कर दिया जाए तो कंपनी का आय में अंतर 1900 करोड़ के आसपास पहुंच जाएगा। जिससे आम उपभोक्ताओं पर बिजली के दाम का बोझ भी हल्का हो सकता है।
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