नई दिल्ली। सीबीआई ने अपने सबसे बड़े बैंक धोखाधड़ी मामले में एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड, उसके चेयरमैन व प्रबंध निदेशक ऋषि अग्रवाल के खिलाफ मामला दर्ज किया है। कंपनी व उसके निदेशकों पर एसबीआई के नेतृत्व वाले 28 बैंकों के समूह से 22,842 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी का आरोप है।
गुजरात के दाहेज और सूरत में एबीजी समूह की यह शिपयार्ड कंपनी पानी के जहाज बनाने और उनकी मरम्मत का काम करती है। अब तक यह कंपनी 165 जहाज बना चुकी है। अधिकारियों ने शनिवार को कहा कि एबीजी पर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व वाले बैंकों के एक संघ को कथित रूप से धोखा देने का आरोप है।
सीबीआई ने एफआईआर में तत्कालीन कार्यकारी निदेशक शंथनम मुथुस्वामी, निदेशक अश्विनी कुमार, सुशील कुमार अग्रवाल और रवि विमल नेवतिया और एक अन्य कंपनी एबीजी इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड के नाम भी शामिल किये हैं। इन पर आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी, विश्वासघात और पद के दुरुपयोग की धारा में मामला दर्ज किया है।
एसबीआई ने आठ नवंबर 2019 को कंपनी के खिलाफ धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई थी। जिस पर सीबीआई ने 12 मार्च 2020 को स्पष्टीकरण मांगा था। इसके बाद एसबीआई ने अगस्त 2020 में एक नई शिकायत दर्ज कराई। करीब डेढ़ साल की जांच के बाद सीबीआई ने सात फरवरी 2022 को कंपनी व उसके निदेशकों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
सीबीआई की एफआईआर के मुताबिक, 18 जनवरी 2019 को अर्नस्ट एंड यंग एलपी द्वारा दाखिल अप्रैल 2012 से जुलाई 2017 तक की फोरेंसिक ऑडिट रिपोर्ट की जांच में सामने आया है कि कंपनी ने गैरकानूनी गतिविधियों के जरिये बैंक से कर्ज में हेरफेर किया और रकम ठिकाने लगा दी।
किस बैंक का कितना बकाया
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