नावदापंथ की 18 एकड़ निजी कृषि जमीन को आवासीय में परिवर्तित करने की कार्रवाई, शाकम्बरी बिल्डर के नाम दर्ज है जमीन
इन्दौर।
मास्टर प्लान (Master Plan) में एक बार फिर भोपाली (Bhopali) खेल शुरू हो गए। अभी 31 दिसम्बर को ही इंदौर (Indore) का मास्टर प्लान (Master Plan) 20221 खत्म हो चुका है और आगामी 2035 के प्लान की तैयारी चल रही है। दूसरी तरफ भोपाल में बैठे नेता और अफसर पुराने मास्टर प्लान में भू-उपयोग परिवर्तन (Land Use Change) करवाने के प्रयासों में जुट गए हैं। नावदापंथ (Navdapanth) की 6 खसरा नम्बरों की लगभग 18 एकड़ कृषि उपयोग की जमीन को आवासीय में परिवर्तित करने की प्रक्रिया नगर तथा ग्राम निवेश संचालनालय ने शुरू की है।
इंदौर के मास्टर प्लान (Master Plan) की अवधि भले ही समाप्त हो गई, लेकिन जब तक नया प्लान अमल में नहीं आता, तब तक वर्तमान मास्टर प्लान (Master Plan) के मुताबिक ही अनुमतियां दी जाएंगी। हालांकि कलेक्टर मनीष सिंह (Collector Manish Singh) ने पिछले दिनों नए मास्टर प्लान में शामिल 79 गांवों में अभिन्यास मंजूरी पर रोक लगा दी और लैंड यूज फ्रिज (Lang Use Fridge) कर दिया। दूसरी तरफ संचालनालय नगर तथा ग्राम निवेश भोपाल (Bhopal) पिछले दरवाजे से खत्म हो चुके मास्टर प्लान (Master Plan) में धारा 23 (क) की उपधारा 1 के तहत भू-उपयोग परिवर्तन के खेल में जुट गया। आयुक्त सहसंचालक मुकेशचंद्र गुप्ता ने इंदौर के राऊ तहसील में आने वाले नावदापंथ के 6 खसरा नम्बरों 17/1/1, 17/2/1, 19/2//2/1, 21/2/3/1, 22 और खसरा नम्बर 23/1/1 में शामिल 7.5800 हेक्टेयर यानी लगभग 18 एकड़ जमीन, जिसका वर्तमान भू-उपयोग कृषि एवं मार्ग है, उसे आवासीय एवं मार्ग में परिवर्तित करने की प्रक्रिया शुरू करवाई और 15 दिन में आपत्तियां-सुझाव आमंत्रित किए हैं। उक्त जमीन शाकम्बरी बिल्डर्स पार्टनर यदुनंदन माहेश्वरी रतनबाग इंदौर की बताई जाती है। सूत्रों के मुताबिक भोपाल से ही इस जमीन का उपयोग परिवर्तन करने का दबाव-प्रभाव बनाया जा रहा है। अब देखना यह है कि यह खेल कितना सफल होता है।
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