नई दिल्ली। देशभर के 15 से अधिक राज्यों के छात्रों ने विभिन्न राज्य बोर्डों, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) और आईसीएसई द्वारा प्रस्तावित 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं (10th and 12th board exams) को फिजिकल मोड (ऑफलाइन) की बजाय वैकल्पिक मूल्यांकन पद्धति (alternative assessment method) से कराने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का रुख किया है।
बाल अधिकार कार्यकर्ता अनुभा श्रीवास्तव सहाय और ओडिशा के छात्र संघ के माध्यम से याचिका दायर करने वाले छात्रों ने सभी बोर्डों को समय पर परिणाम घोषित करने के लिए निर्देश देने और विभिन्न चुनौतियों का सामना करने के कारण सुधार परीक्षा के विकल्प देने की भी प्रार्थना की है। याचिकाकर्ताओं ने कहा है कि सीबीएसई द्वारा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा अप्रैल के अंतिम सप्ताह में कराई जानी है।
आईसीएसई और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग (एनआईओएस) की अभी तक कोई अधिसूचना नहीं आई है। जहां तक राज्य बोर्डों का संबंध है, कुछ ने समय सारिणी घोषित कर दी है जबकि कुछ अभी भी प्रक्रिया को लेकर चर्चा कर रहे हैं।
याचिका में कहा गया है कि छात्र राज्य सरकार और अन्य बोर्डों के इस तरह के व्यवहार से असंतुष्ट हैं और अपने भविष्य व करियर को लेकर चिंतित हैं। इसमें कोविड-19 की स्थिति और छात्रों की स्कूली शिक्षा में रुकावट के कारण आने वाली कठिनाइयों और दबावों का भी उल्लेख किया गया है। याचिकाकर्ता छात्रों का कहना है कि परीक्षा ऑफलाइन कराने के लिए अभी भी स्थिति नहीं है। कोरोना अभी बरकरार है और संक्रमित रोगियों व मौतों की संख्या भी बढ़ रही है।
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