नई दिल्ली। गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत चल रही सुनवाई के लिए मलयेशिया स्थित भारतीय दूतावास में नहीं पहुंचे जाकिर नाईक को न्यायाधिकरण ने सख्त निर्देश जारी किए हैं। न्यायाधिकरण ने नाइक को अगली सुनवाई में अनिवार्य रूप से मौजूद रहने या अपना प्रमाणित वकालतनामा दाखिल करने को कहा है।
न्यायाधिकरण ने बुधवार को हुई सुनवाई में कहा, पिछली तारीख पर पारित आदेश के बावजूद उचित प्रारूप में डॉ जाकिर अब्दुल करीम नाईक के नाम के प्रमाणित वकालतनामे को अब तक दाखिल नहीं किया गया।
वकील एस हरि हरण ने न्यायाधिकरण को बताया कि नाइक अपने दस्तखत को प्रमाणित कराने के लिए मलयेशिया स्थित भारतीय दूतावास पहुंचने में असमर्थ हैं। इस पर न्यायाधिकरण ने कहा, अगली सुनवाई पर ऐसा नहीं होना चाहिए।
नाईक के पास हाइब्रिड या वर्चुअल पेशी का विकल्प नहीं होगा। उन्हें हर हाल में यहां अपने प्रमाणित वकालतनामे के साथ हाजिर होना होगा। इस दौरान गवाहों की भी मौजूदगी अनिवार्य होगी। न्यायाधिकरण ने साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि अगली तारीख से इस मामले में रोज सुनवाई होगी।
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