भोपाल। कांग्रेस विधायक निलय डागा ने बैतूल पुलिस पर नेता, उद्योगपतियों, कारोबारियों और पत्रकारों के मोबाइल फोन की सीडीआर (कॉल डिटेल रिपोर्ट) निकलवाकर जासूसी करने के आरोप लगाए हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि पुलिस ने उन्हें बाइक चोर बताकर उनके फोन की सीडीआर निकाली है। विधायक ने इस मामले की जांच कराने और सच्चाई सामने लाने के लिए पुलिस महानिदेशक विवेक जौहरी को पत्र भी लिखा है। साथ ही विधानसभा में मामला उठाने की बात कही है। हालांकि बैतूल एसपी सिमाला प्रसाद ने विधायक के आरोपों को सिरे से खारिज किया है।
पहले भी उठ चुका है फोन टेपिंग का मामला
प्रदेश में फोन टैपिंग का मामला पहले भी वर्ष 2014 में भी उठ चुका है। इससे पहले भी नौकरशाहों, राजनेताओं और अन्य प्रमुख लोगों के टेलीफोन कथित रूप से टैप कराने पर राजनीतिक बवाल मच चुका है। तब व्हिसल ब्लोअर प्रशांत पांडेय इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट गए थे। पांडेय की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कथित तौर पर टेलीफोन टैपिंग, कॉल डिटेल तैयार करने वाली अमेरिकी कंपनी स्पंदन द आईटी पल्स समेत राज्य और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किए थे। इसके साथ ही जांच के निर्देश भी दिए थे लेकिन बाद में यह मामला ठंडा पड़ गया था। याचिकाकर्ता ने बताया कि प्रदेश में लगभग चार साल तक चले टेलीफोन टैपिंग मामले को लेकर याचिका दायर होते ही सरकार ने इस काम को बंद कर दिया था। मध्यप्रदेश पुलिस फोन टैपिंग के लिए एक ऐसे सॉफ्टवेयर का उपयोग कर रही थी, जो पूरी तरह अवैधानिक था। इसके लिए पुलिस अफसरों ने एक एजेंसी की मदद ली। कंपनी के साथ पूरा डेटा शेयर किया गया, जो नहीं किया जाना चाहिए था।
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